सरकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान चली पॉर्न वीडियो क्लिप, मामले की होगी जांच
अक्सर आपको यह सुनने को मिल जाता होगा कि किसी जगह पॉर्न वीडियो क्लिप चलने की वजह से लोगों को शर्मसार होना पड़ा। अब ज़रा सोचिए अगर ऐसा किसी सरकारी संस्थान में हो, जहाँ महिलाएँ भी मौजूद हों, तो क्या होगा। हाल ही में एक ऐसा ही मामला राजस्थान में देखने को मिला है। जहाँ एक सरकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान पॉर्न क्लिप चल गई। इस वजह से कॉन्फ्रेंस में बैठे अधिकारियों को शर्मिंदा होना पड़ा।
मामले की जांच के आदेश जारी
जानकारी के अनुसार, राजस्थान के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की बैठक के दौरान एक अश्लील वीडियो क्लिप चलने की वजह से कॉन्फ़्रेन्स में शामिल अधिकारियों को शर्मसार होना पड़ा। बैठक की अध्यक्षता विभाग की सचिव मुग्धा सिंह ने सोमवार को सचिवालय में NIC के कमरे में की थी। इस घटना के बाद अधिकारियों ने जाँच के आदेश दे दिए हैं। हालाँकि, अभी तक मामले में आगे की कार्यवाई की कोई जानकारी नहीं मिली है।
अचानक स्क्रीन पर चलने लगी अश्लील वीडियो क्लिप
समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए सचिव मुग्धा सिंह ने बताया, "वीडियो कॉन्फ्रेंस के बीच में ही अचानक स्क्रीन पर एक अश्लील वीडियो क्लिप चलने लगी। इसके बाद मैंने तुरंत NIC के निदेशक को फोन किया।" उन्होंने आगे बताया, "फोन पर ही मैंने उनसे मामले की जाँच करने और इस पर एक रिपोर्ट देने के लिए कहा।" बता दें बैठक विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए आयोजित की गई थी।
कमरे में मौजूद थे 10 लोग
मुग्धा सिंह ने यह भी बताया कि लगभग 10 लोग, जिसमें विभाग के अधिकारी और NIC के प्रतिनिधि कमरे में मौजूद थे। इसके अलावा राज्य के सभी 33 जिलों के ज़िला आपूर्ति अधिकारी वीडियो कॉन्फ़्रेन्स के माध्यम से बैठक में भाग ले रहे थे। इस घटना के बाद उन्होंने बताया कि NIC के निदेशक की रिपोर्ट आने के बाद उसके आधार पर दोषियों के ऊपर क्या कार्यवाई की जाए, उसका निर्णय लिया जाएगा।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह पहली बार नहीं है। इससे पहले 07 फ़रवरी, 2012 में कर्नाटक विधानसभा में भी स्मार्टफोन पर पॉर्न वीडियो देखते हुए दो विधायकों को पकड़ा गया था। उन्हें पॉर्न वीडियो देखते हुए कैमरे में क़ैद कर लिया गया था। सबसे हैरानी की बात ये है कि उन्हें पॉर्न वीडियो तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जे. कृष्ण पालमेर ने भेजा था। घटना के ख़ुलासे के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
शूटिंग के दौरान कैमरे में रिकॉर्ड हुई घटना
बता दें इस घटना का ख़ुलासा विधानसभा सत्र की शूटिंग कर रहे एक निजी चैनल TV9 के कैमरामैन श्रीनिवास कुलकर्णी द्वारा अनजाने में ही हो गया था। कुलकर्णी का कैमरा अचानक से आरोपी नेताओं की मोबाइल स्क्रीन पर गया और सब रिकॉर्ड हो गया।