दंगे रोकने में लगी रही पुलिस, पीछे से फरार हो गया गोली चलाने वाला शख्स
दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस के सामने गोली चलाने वाले शाहरूख की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। हालांकि, पहले खबर आई थी कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन अभी तक पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी का फायदा उठाकर शाहरूख मौके से भागने में कामयाब रहे। उन्होंने सोमवार को पुलिस के सामने आठ राउंड फायरिंग की थी।
शाहरूख की गिरफ्तारी के लिए 10 टीमें गठित
लाल टी-शर्ट पहने, हाथ में पिस्तौल लहराते हुए शाहरूख का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए 10 टीमों का गठन किया है, जिसमें स्पेशल सेल भी शामिल है। बताया जा रहा है कि शाहरुख ने जाफराबाद के पास सड़क पर पुलिस के सामने कथित तौर पर आठ राउंड फायरिंग की थी। पुलिस ने शाहरुख को रोकने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं रुके और फायरिंग करते रहे।
नशीले पदार्थों का अवैध धंधा करते हैं शाहरूख के पिता
पुलिस के अनुसार, शाहरूख के पिता स्थानीय इलाकों में नशीले पदार्थों का अवैध धंधा करते हैं और कई बार गिरफ्तार हो चुके हैं। इस कारण वो पुलिस लगातर उन पर नजर रखती है। वो जेल में बंद अपराधी छेनू पहलवान के रिश्तेदार हैं।
पुलिस के सामने गोली चलाते शाहरूख का वीडियो
"शाहरूख ने उठाया पुलिस में तालमेल की कमी का फायदा"
शाहरूख की गिरफ्तारी न होने का कारण बताते हुए एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'पिस्तौल लहराते शाहरूख के वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय पुलिस ने उसकी पहचान कर आला अधिकारियों को बता दिया था। हालांकि, उसे हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने का फैसला नहीं लिया जा सका क्योंकि अधिकारी दंगा रोकने में व्यस्त थे। उसने इसका फायदा उठाया और अरविंद नगर में अपने घर को ताला लगाकर अपने परिवार के साथ भागने में कामयाब रहा।"
हिंसा की जांच के लिए दो SIT गठित
शाहरूख के एक दोस्त ने बताया, "उसके पिता थोड़े दिन पहले ही जेल से आए हैं। उनके खिलाफ नशीले पदार्थों की तस्करी को लेकर कई मामले दर्ज हैं। शाहरूख को बॉडी बिल्डिंग का शौक है। जब हमने उसे पिस्तौल लहराते और गोलियां चलाते देखा तो हम हैरान रह गए।" इसी बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने दंगों से जुड़े सभी मामलों की जांच के लिए दो विशेष जांच टीमें (SIT) गठित की हैं।
हिंसाग्रस्त इलाकों में सामान्य हो रहे हालात
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में रविवार से शुरू हिंसा के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं। इन इलाकों में दिल्ली पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों के 7,000 जवान तैनात किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन लगातार लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देेने और शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। हालांकि, गलियों और सड़कों पर हिंसा के निशान साफ देखे जा सकते हैं। शुक्रवार सुबह तक इसमें जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 38 पहुंच गई है।