मध्य प्रदेश: ऑनलाइन गेम में 40,000 हारने पर नाबालिग ने की आत्महत्या, मामला दर्ज
क्या है खबर?
आधुनिक दौर में बच्चों में ऑनलाइन गेम खेलने का शौक सिर चढ़कर बोल रहा है। कई बच्चे इसकी लत के कारण आत्महत्या जैसे गंभीर कदम भी उठा रहे हैं।
एक ऐसी ही घटना मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में सामने आई है, जहां एक 13 वर्षीय किशोर ने ऑनलाइन गेम में 40,000 रुपये हारने के बाद परिजनों के डांट से बचने के लिए फंदे से झूल गया। मामले में पुलिस ने अब गेमिंग फर्म के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
प्रकरण
'फ्री फायर' गेम खेलने का शौकीन था किशोर
छतरपुर के सिविल लाइंस थानाप्रभारी राजेश बंजारे ने बताया कि शांतिनगर निवासी 13 वर्षीय किशोर 'फ्री फायर' ऑनलाइन गेम खेलने का शौकीन था। इसके चलते वह करीब 40,000 रुपये हार चुका था।
गत शुक्रवार को भी वह गेम में 1,500 रुपये हार गया था। उसने जैसे ही अपनी मां के खाते से पैसे ट्रांसफर किया तो उसकी मां के पास मैसेज चला गया। इस पर उसकी मां ने फोन कर उसे जोरदार डांट लगाई थी।
आत्महत्या
पैसे हारने के गम में किशोर ने की आत्महत्या
थानाप्रभारी बंजारे ने बताया कि किशोर के पिता एक पैथोल़ॉजी लैब चलाते हैं और उसकी मां जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में काम करती हैं।
शुक्रवार को माता-पिता दोनों काम पर गए हुए थे और किशोर अपनी बहन के साथ घर पर था। गेम में पैसे हारने को लेकर जब उसकी मां ने डांट लगाई तो वह अपने कमरे में चला गया और पंखें पर फंदा डालकर उससे झूल गया। उसकी बहन ने परिजनों को घटना की जानकारी दी।
सुसाइड नोट
किशोर ने सुसाइड नोट में गेम में पैसे हारने को लेकर मांगी माफी
थानाप्रभारी बंजारे ने बताया कि परिजनों ने उसे फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित किया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल की तलाशी ली, जहां उन्हें किशोर द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट भी मिल गया।
उन्होंने बताया कि किशोर ने सुसाइड नोट में ऑनलाइन गेम में 40,000 रुपये हारने और अपने मां के खाते से पैसे निकालने को लेकर अपने माता-पिता से माफी मांगी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कार्रवाई
गृह मंत्री के निर्देश पर पुलिस ने दर्ज किया गेमिंग फर्म के खिलाफ मामला
इस मामले के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस को गेमिंग फर्म के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे।
इसके बाद पुलिस ने सोमवार को फ्री फायर गेम बनाने वाली कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 305 (बच्चे को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करना) के तहत मामला दर्ज किया है। मामले में आर्थिक लेन-देन की जांच के लिए साइबर सेल की मदद ली जा रही है।
पृष्ठभूमि
गेम खेलने से रोकने पर 12 वर्षीय बच्चे ने की थी आत्महत्या
बता दें कि इसी साल जनवरी में मध्य प्रदेश के सागर जिले के ढाना गांव में एक 12 वर्षीय बच्चे ने भी ऑनलाइन गेम के चक्कर में आत्महत्या कर ली थी। वह भी फ्री फायर गेम खेलने का शौकीन था। वह भी इसमें लगातार पैसे हार रहा था।
उसके पिता को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने उसे गेम खेलने से रोका और उसका मोबाइल फोन वापस ले लिया। इससे दुखी होकर बालक ने आत्महत्या कर ली थी।
जानकारी
सिंगापुर की है फ्री फायर कंपनी
फ्री फायर गेम 111 डॉट्स स्टूडियो सिंगापुर की एक कंपनी ने तैयार किया है। इसे गरेना फ्री फायर और फ्री फायर बैटलग्राउंड के नाम से भी जाना जाता है। फिलहाल फॉरेस्ट ली फ्री फायर के फाउंडर हैं।
एंड्रायड मोबाइल पर खेले जाने वाले इस गेम में 50 से अधिक खिलाड़ी होते हैं, जो दूसरे खिलाडिय़ों को मारने के लिए हथियारों और उपकरणों की तलाश में एक द्वीप पर पैराशूट से गिरते हैं। इसे पबजी का लाइट वर्जन माना जाता है।