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SCO बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने किया पहलगाम हमले का जिक्र, बोले- आतंकवाद स्वीकार्य नहीं
SCO शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधा

SCO बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने किया पहलगाम हमले का जिक्र, बोले- आतंकवाद स्वीकार्य नहीं

लेखन गजेंद्र
Sep 01, 2025
10:17 am

क्या है खबर?

चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई शिखर सम्मेलन (SCO) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी घटना का जिक्र करते हुए आंतकवाद का मुद्दा उठाया और इसका समर्थन करने वाले देशों पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने आतंकवाद को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए सवाल उठाया कि क्या आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को स्वीकार्य किया जाना चाहिए? इस मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी बैठक में मौजूद थे।

संबोधन

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पहलगाम आतंकी हमला न केवल भारत की आत्मा पर हमला था, बल्कि मानवता में आस्था रखने वाले सभी देशों के लिए एक खुली चुनौती भी था। यह एक गंभीर सवाल खड़ा करता है कि क्या आतंकवाद का खुलेआम समर्थन करने वाला कोई देश हममें से किसी को भी स्वीकार्य होना चाहिए?" उन्होंने कहा, "हमें स्पष्ट रूप से कहना होगा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई दोहरा मापदंड बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

आतंकवाद

आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता अपनाने का आग्रह

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आतंकवाद-उग्रवाद मानवता के लिए संयुक्त चुनौती हैं। जब तक ये खतरे मौजूद हैं, कोई भी देश, समाज सुरक्षित महसूस नहीं कर सकता। सुरक्षा हर देश का अधिकार है। हमने पहलगाम में आतंकवाद का बहुत बुरा चेहरा देखा। हमने अपने बच्चे खो दिए हैं और कई अनाथ हो गए। भारत 4 दशकों से आतंकवाद का सामना कर रहा है।" मोदी ने आतंकवाद के वित्तपोषण को गंभीर चिंता बताया और SCO सदस्यों से इससे निपटने का आग्रह किया।

निशाना

चीन पर भी BRI को लेकर साधा निशाना

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में SCO के प्रति भारत की सोच और नीति को बताया, जो 3 मुख्य स्तंभों S - सुरक्षा, C - कनेक्टिविटी और O - अवसर पर आधारित है। उन्होंने सुरक्षा को लेकर आतंकवाद पर निशाना साधा। इसके बाद कनेक्टिविटी को लेकर परोक्ष रूप से चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) को भी नहीं बख्शा। मोदी ने कहा कि संपर्क परियोजनाओं को विश्वास और विश्वसनीयता बनाने के लिए राष्ट्रीय संप्रभुता का भी सम्मान करना चाहिए।

बयान

BRI को लेकर क्या बोले मोदी?

मोदी ने कहा, "मजबूत कनेक्टिविटी न केवल व्यापार बल्कि विश्वास-विकास के द्वार भी खोलती है। इसी सोच के साथ, हम अफगानिस्तान और मध्य एशिया से संपर्क बढ़ाने के लिए चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी पहलों पर काम कर रहे हैं। हर कनेक्टिविटी प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए। यह SCO चार्टर के मूल सिद्धांतों में भी है। जो संपर्कता संप्रभुता को दरकिनार कर देती है, वह विश्वास और अर्थ खो देती है।"

पहल

क्या है BRI?

BRI चीन की एक वैश्विक बुनियादी ढांचा परियोजना है जो एशिया, अफ्रीका और यूरोप में फैली है। इस पहल का उद्देश्य बड़े पैमाने के गलियारों और बंदरगाह परियोजनाओं के जरिए व्यापार संपर्क को बढ़ाना है। इसका एक प्रमुख हिस्सा, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है, जिसका भारत विरोध करता है। भारत की इस परियोजना पर आपत्ति है क्योंकि इसमें उस देश की सहमति की अनदेखी की गई है जिसका क्षेत्र इसमें शामिल है।

सुझाव

सिविलाइजेशन संवाद फोरम बनाने का सुझाव

प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे 'O' स्तंभ पर बोलते हुए कहा कि 2023 में, भारत की अध्यक्षता के दौरान, नई ऊर्जा और विचारों का संचार हुआ, स्टार्ट-अप और नवाचार, पारंपरिक चिकित्सा, युवा सशक्तिकरण, डिजिटल समावेशन और साझा बौद्ध विरासत जैसे नए विषय हमारे सहयोग में जुड़े। उन्होंने सुझाव दिया कि SCO के अंतर्गत एक सिविलाइजेशन संवाद फोरम बनाया जाना चाहिए, जिससे सदस्य देश प्राचीन सभ्यताओं, कला, साहित्य और परंपराओं को एक वैश्विक मंच पर साझा कर सकें।