भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहता था PFI, निशाने पर थे कई नेता- महाराष्ट्र ATS प्रमुख
क्या है खबर?
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध को जरूरी बताते हुए महाराष्ट्र ATS (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) के प्रमुख विनीत अग्रवाल ने कहा कि यह संगठन 2047 तक भारत को एक मुस्लिम राष्ट्र में बदलने की योजना बना रहा था और कई बड़े नेता इसके निशाने पर थे।
अग्रवाल ने कहा कि PFI को प्रतिबंधित करना जरूरी था क्योंकि यह देश के लिए धीमा जहर था।
बता दें, केंद्र सरकार ने PFI को पांच साल के लिए बैन कर दिया है।
बयान
RSS नेताओं समेत कई हस्तियां थी निशाने पर- ATS प्रमुख
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा, "समय से PFI पर प्रतिबंध लग गया है। महाराष्ट्र ATS ने कई जगह छापेमारी कर 21 लोगों को गिरफ्तार किया है और कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद किए हैं। प्रतिबंध के बाद यह संगठन बिखर गया है और अब उसके पास कानूनी मंच के अलावा इकट्ठा होने का कोई मंच नहीं बचा है।"
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और देश के बड़े नेता PFI के निशाने पर थे।
बयान
लोगों को भड़काते थे PFI कार्यकर्ता- ATS प्रमुख
ATS प्रमुख ने कहा कि PFI के सदस्य लोगों को भड़काऊ लेक्चर देने के लिए खुद को सामाजिक विकास और शारीरिक शिक्षा से जुड़े बताते थे। उन्होंने कई जगहों पर ट्रेनिंग सेंटर खोले और राष्ट्र-विरोध कार्य किए। वो पुराने वीडियो दिखाकर लोगों को उकसाते थे।
PFI कार्यकर्ता लोगों को बताते थे कि आत्मरक्षा के लिए उन्हें अपने घरों की छत पर पत्थर, चाकू, तलवार, ईंटे, नुकीले हथियार और दूसरी चीजें रखनी चाहिए।
बयान
"भारत को मुस्लिम राष्ट्र में बदलने का था प्रयास"
अग्रवाल ने दावा किया कि PFI भारत को मुस्लिम राष्ट्र में बदलने का प्रयास कर रहा था। वह लोगों को 2047 में भारत की आजादी की 100वीं वर्षगांठ पर नफरती अपराध करने के लिए उकसा रहा था, लेकिन सरकार की कार्रवाई ने उनकी योजना पर पानी फेर दिया है। अभी तक इसके लिए योजनाएं बनी थी, लेकिन अब कार्रवाई हुई है।
उन्होंने बताया कि लोगों को निशाना बनाकर उनकी हत्या करना PFI का काम करने का तरीका था।
जानकारी
PFI पर लगा है पांच साल का प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने मंगलवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इसके सभी सहयोगी संगठनों और मोर्चों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत लगाया गया यह प्रतिबंध पांच साल तक लागू रहेगा। बता दें कि PFI के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से कार्रवाई जारी थी और इसके शीर्ष नेतृत्व समेत करीब 300 नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सरकार ने कहा कि PFI का आतंकी संगठनों से संबंध पाया गया था
PFI
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन था, जो खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता था।
यह पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के नाम से अस्तित्व में आया था। तब उसने संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थीं।
रामनवमी के मौके समेत कई जगहों पर हो चुकी सांप्रदायिक हिंसाओं में PFI का नाम आ चुका था।