शाहीन बाग: प्रदर्शन स्थल पर फेंके गए पेट्रोल बम, पुलिस ने जताई आंतरिक झगड़े की आशंका
आज 'जनता कर्फ्यू' के दौरान दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ महिलाओं के प्रदर्शन स्थल पर पेट्रोल बम फेंके जाने की घटना सामने आई है। पेट्रोल बम फेंके जाने की वजह से प्रदर्शन स्थल पर आग लग गई जिसे बुझा दिया गया। घटना में किसी प्रदर्शनकारी को चोट आने की खबर नहीं है। घटना के पीछे किसका हाथ है, ये अभी तक सामने नहीं आया है हालांकि पुलिस ने आंतरिक झगड़े की संभावना जताई है।
घटनास्थल की जांच करने पहुंची फॉरेंसिक टीम
दिसंबर से धरने पर बैठी हैं महिलाएं
पिछले साल दिसंबर में संसद से CAA पारित होने के बाद से ही शाहीन बाग में सैकड़ों महिलाएं इसके खिलाफ सड़क पर धरने पर बैठी हुई हैं। ये धरना देशभर में हो रहे CAA विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बनकर उभरा है। लेकिन अब कोरोना वायरस का प्रकोप उनके लिए एक बड़ी मुसीबत बनकर उभरा है और सभी तरफ से लगातार उनसे प्रदर्शन खत्म करने की अपील की जा रही है। हालांकि उन्होंने अपना प्रदर्शन खत्म नहीं किया है।
कोरोना वायरस के कारण धरना खत्म करने पर बंटे हुए हैं प्रदर्शनकारी
कोरोना वायरस के कारण धरने को खत्म करने को लेकर प्रदर्शनकारी आपस में बंटे हुए हैं और इसे लेकर उनमें झगड़ा भी हुआ। खबरों के अनुसार, धरने को खत्म करने को लेकर प्रदर्शनकारी आपस में बहस कर रहे हैं और शनिवार रात को कुछ प्रदर्शनकारियों के बीच लड़ाई के बाद पुलिस बुलानी पड़ी। इस बीच रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाए 'जनता कर्फ्यू' के दौरान भी धरना जारी रहा और अज्ञात लोगों ने प्रदर्शन स्थल पर पेट्रोल बम फेंके।
पुलिस ने जताई हमले में किसी प्रदर्शनकारी के शामिल होने की आशंका
दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने प्रदर्शन स्थल की विपरीत दिशा में मौजूद 40 फुट रोड से पेट्रोल बम फेंके। उन्होंने हमले में किसी प्रदर्शनकारी के ही शामिल होने की आशंका जाहिर की है। पुलिस ने अपने बयान में कहा, "हमें संदेह है कि किसी प्रदर्शनकारी ने ही ये किया क्योंकि अन्य कोई पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकोड को पार कर उस गली में नहीं पहुंच सकता। आरोपियों ने बम फेंके और गलियों में होते हुए भाग गए।"
"प्रदर्शनकारियों में धरना खत्म करने को लेकर झगड़ा"
वहीं डिप्टी पुलिस कमिश्नर (दक्षिण-पूर्व) कुमार ज्ञानेश ने मामले की जानकारी देते हुए बताया, "प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि किसी प्रदर्शनकारी ने बम फेंके। कल से प्रदर्शनकारियों में धरने को खत्म करने को लेकर झगड़ा हो रहा है। कल रात हमें यहां एक लड़ाई के बारे में कॉल आया और हमें दखल देनी पड़ी। कोरोना वायरस के कारण कुछ प्रदर्शनकारी धरने को खत्म करना चाहते हैं, वहीं अन्य ने इसका विरोध किया और लड़ाई हो गई।"
कम हो रही महिलाएं, बदला प्रदर्शन का तरीका
बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच प्रदर्शन कर रही महिलाओं की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है। इसके अलावा महिलाओं ने भी अपने धरने का तरीका बदला है और अब महिलाएं दो-चार करके सांकेतिक रूप से धरने पर बैठती हैं। बाकी बेंचों पर महिलाओं की चप्पलें रखी हुई हैं। प्रदर्शन में जितने भी लोग मौजूद हैं सभी मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं और पूरी सावधानियां बरत रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल के आदेश का भी उल्लंघन कर चुके हैं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी
बता दें कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश का भी उल्लंघन कर चुके हैं। केजरीवाल ने दिल्ली में 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगाई थी। इसके बावजूद ये प्रदर्शन जारी रहा।