अब दक्षिणी राज्यों में होने लगी ऑक्सीजन की किल्लत, तीन मुख्यमंत्रियों ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र
क्या है खबर?
उत्तरी राज्यों में स्थिति संभलने के बाद अब भारत के दक्षिणी राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत होने लगी है और अब तक कम से कम तीन दक्षिणी राज्य इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं।
जहां तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने को लेकर पत्र लिखा है, वहीं केरल के मुख्यमत्री ने लिखा कि वह अब पड़ोसी राज्यों को ऑक्सीजन नहीं प्रदान कर सकते।
तमिलनाडु
तमिलनाडु में क्या स्थिति?
रोजाना 30,000 से अधिक नए मामले दर्ज कर रहे तमिलनाडु में ऑक्सीजन की मांग लगातार बढ़ रही है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 7 मई को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से कहा था कि अभी राज्य को 440 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है जो आने वाले दो हफ्तों में दोगुनी होकर 880 मीट्रिक टन हो जाएगी।
राज्य को अभी केंद्र से महज 220 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलती है और उसे बाकी ऑक्सीजन का केरल जैसे राज्यों से इंतजाम करना पड़ता है।
आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश की क्या स्थिति?
आंध्र प्रदेश में रोजाना कोरोना वायरस के 20,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं और राज्य की रोजाना 550 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग है। 8 मई को केंद्र से राज्य की हिस्सेदारी 480 से बढ़ाकर 590 मीट्रिक टन कर दी थी, यानि अभी उसके पास पर्याप्त सप्लाई है।
लेकिन राज्य सरकार ने आने वाले दिनों में दैनिक मांग 1,000 मीट्रिक टन तक पहुंचने का दावा किया है और ऐसा होने पर स्थिति खराब हो सकती है।
केरल
केरल की क्या स्थिति?
केरल में अभी रोजाना 40,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं और उसकी ऑक्सीजन की दैनिक मांग लगभग 150 मीट्रिक टन है। राज्य 219 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन करता है, इसलिए अभी तक स्थिति काबू में है।
हालांकि वह इस उत्पादन से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को ऑक्सीजन दे रहा था और उसका रिजर्व स्टॉक 450 मीट्रिक टन से घटकर 86 मीट्रिक टन पर आ गया है।
राज्य ने केंद्र से 1,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मांगी है।
खराब हालात
एक-दूसरे की मदद से पीछे हट रहे तीनों राज्य
स्थिति यह है कि ये तीनों दक्षिणी राज्य एक-दूसरे की मदद से भी पीछे हटने लगे हैं और अपने यहां से दूसरे राज्यों को जाने वाली ऑक्सीजन सप्लाई को रोक रहे हैं।
जहां केरल सरकार ने घरेलू मांग को देखते हुए तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ऑक्सीजन भेजना बंद कर दिया है, वहीं तमिलनाडु आंध्र प्रदेश को ऑक्सीजन भेज तो रहा है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इससे राज्य का नुकसान हो रहा है।
त्रासदी
ऑक्सीजन की कमी से कई दक्षिणी राज्यों में मर चुके हैं मरीज
गौरतलब है कि ऑक्सीजन की किल्लत से कई दक्षिणी राज्यों में कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है।
सोमवार को आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर रामनारायण सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 11 मरीजों की मौत हो गई। वहीं 4 मई को तमिलनाडु के एक अस्पताल में इसी कारण 13 मरीजों की मौत हुई थी।
कर्नाटक और तेलंगाना भी इससे अछूते नहीं हैं और यहां क्रमशः 44 और आठ मरीजों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो चुकी है।