
पाकिस्तान से सटे राज्यों में 31 मई को 'ऑपरेशन शील्ड', मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?
क्या है खबर?
पाकिस्तान से सटी राज्यों में 31 मई को भारत नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल के तहत 'ऑपरेशन शील्ड' का आयोजन करने जा रहा है। ये जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ के सभी जिलों में किया जाएगा।
पहले इसे 29 मई के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन प्रशासनिक कारणों से स्थगित कर दिया गया था।
अब पंजाब को छोड़कर सभी सीमावर्ती राज्यों में 31 मई को ड्रिल होगी। पंजाब में 3 जून को मॉक ड्रिल की जाएगी।r
मॉक ड्रिल
'ऑपरेशन शील्ड' के दौरान क्या-क्या होगा?
'ऑपरेशन शील्ड' के दौरान नकली हमले, आपदा स्थिति, विस्फोट, गैस लीक, आगजनी और सामूहिक घुसपैठ जैसी स्थितियों से निपटने की तैयारी की जाएगी। स्थानीय नागरिकों की भी जागरुक किया जाएगा, ताकि संकट की स्थिति में जनता और प्रशासन के बीच तालमेल को परखा जा सके।
मॉक ड्रिल में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), दमकल विभाग, राज्य पुलिस, रेलवे पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अमला हिस्सा लेगा।
राजस्थान
राज्यों में कैसी है तैयारी?
राजस्थान में नागरिक सुरक्षा विभाग ने सभी जिलाधिकारियों और मजिस्ट्रेट को 31 मई की शाम ब्लैकआउट करने और मॉक ड्रिल के निर्देश जारी किए हैं।
राज्य के सभी 41 जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट किया जाएगा।
वहीं, पंजाब सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर मॉक ड्रिल के लिए 3 जून का प्रस्ताव दिया था। पंजाब ने कहा था कि उसके नागरिक सुरक्षा कर्मचारी NDRF की ओर से आयोजित एक प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं।
उद्देश्य
क्यों की जा रही है मॉक ड्रिल?
मॉक ड्रिल के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा सीमावर्ती इलाकों में किसी अप्रत्याशित खतरे के प्रति प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण किया जाएगा।
इसके अलावा आपातकालीन सेवाओं की तत्परता का मूल्यांकन और सीमा पार से किसी भी अवैध गतिविधि या घुसपैठ को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को परखा जाएगा।
यह मॉक ड्रिल पाकिस्तान से सटे राज्यों में सुरक्षा तंत्र की क्षमता का परीक्षण करेगी, ताकि भविष्य में सुरक्षा परिदृश्यों का सामना बेहतर तरीके से किया जा सके।
मॉक ड्रिल
7 मई को 259 जगहों पर हुई थी मॉक ड्रिल
गृह मंत्रालय ने 7 मई को 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 259 जिलों में नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए मॉक ड्रिल का अभ्यास करने का आदेश दिया था।
इस दौरान हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिकों और छात्रों को नागरिक सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया था।
इसके अलावा ब्लैक आउट की स्थिति में करने वाले उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों/प्रतिष्ठानों को सुरक्षित करने और लोगों को निकालने का अभ्यास किया गया था।