
पहलगाम आतंकी हमले पर उमर अब्दुल्ला बोले- इस मौके पर पूर्ण राज्य की मांग नहीं करूंगा
क्या है खबर?
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले पर चर्चा के लिए सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया।
इसमें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा., "बैसरन घाटी में 21 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर हमला किया गया है। मेजबान होने के नाते पर्यटकों को सुरक्षित वापस भेजना मेरा पहला कर्तव्य था, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका। मेरे पास माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं।"
बयान
अब्दुल्ला ने क्या दिया बयान?
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने हमले में जान गंवाने वाले पर्यटकों और उनके राज्यों के नाम पढ़ते हुए कहा, "हमने पहले भी ऐसे कई हमले हाते देखे हैं। हमले अमरनाथ यात्रा के कैंप पर और डोडा के गांवों में लोगों पर हमले होते देखे हैं। बैसरन घाटी में 21 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर हमला किया गया है। मुझे नहीं पता कि मृतकों के परिवारों से कैसे माफी मांगूं। मेरे पास माफी मांगने के लिए भी शब्द नहीं बचे हैं।"
दर्जा
इस मौके पर नहीं करूंगा पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग- अब्दुल्ला
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, "इस मौके पर मैं जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग नहीं करूंगा। मैं किस मुंह से यह मांग कर सकता हूं। हम हमेशा राज्य के दर्जे की मांग करेंगे, लेकिन आज यदि मैं ऐसी मांग करूं तो मुझ पर लानत है।"
उन्होंने कहा, "मेरी राजनीति इतनी सस्ती नहीं है कि मैं 26 निर्दोष लोगों की जान की कीमत पर केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मांगूं।"
तारीफ
अब्दुल्ला ने की स्थानीय लोगों की तारीफ
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने हमले के बाद स्थानीय लोगों की भूमिका की तारीफ करते हुए कहा, "होटल वालों ने अपने कमरे छोड़ दिए और कहा कि आप लोग यहां रहिए। ऑटो रिक्शा वालों ने बिना किराए लोगों को गंतत्व तक छोड़ा। ऐसी कश्मीरियत को मैं सलाम करता हूं। यही हमारी मेहमाननवाजी है।"
उन्होंने कहा, "जान की परवाह किए बिना आदिल ने पर्यटकों की जान बचाई, स्थानीय लोगों ने मदद की पूरी कोशिश की। ये मौका आतंकवाद के खात्मे की शुरुआत है।"
ट्विटर पोस्ट
यहां सुने उमर अब्दुल्ला का पूरा बयान
#WATCH | Jammu: J&K CM Omar Abdullah says, "... This incident affected the entire country. We have seen many such attacks in the past... An attack of such a large scale has been carried out after 21 years in Baisaran... I did not know how to apologise to the families of the… pic.twitter.com/lwkZe8BlzP
— ANI (@ANI) April 28, 2025
प्रस्ताव
विधानसभा में पारित हुआ निंदा प्रस्ताव
विशेष सत्र में सभी विधायकों ने हमले में मारे गए 26 लोगों को श्रद्धांजलि दी और 2 मिनट का मौन रखा।
इसके बाद उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने हमले की निंदा कर एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे बहुमत से पारित कर दिया गया।
प्रस्ताव में कहा गया कि यह सदन पहलगाम आतंकी हमले पर गहरा दुःख और पीड़ा व्यक्त करता है और इसकी स्पष्ट रूप से निंदा करता है। वह केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का पूर्ण समर्थन करता है।
जिम्मेदार
सुरक्षा एजेंसियों को चूक के लिए ठहराया जाए जिम्मेदार
कांग्रेस विधायक गुलाम अहमद मीर ने कहा कि आतंकी हमले से सभी स्तब्ध और दुखी हैं और इसकी निंदा करते हैं। वह इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने के सरकार के कदम की सराहना करते हैं। सभी दलों ने सरकार को अपना समर्थन दिया है।
उन्होंने कहा, केंद्र शासित प्रदेश की कानून और व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को इस चूक के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। वह सरकार के हर कदम का समर्थन करेंगे।
मांग
कश्मीर के साथ एकजुटता दिखाने की मांग
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने कहा, "मुझे लगता है कि देश में हमारी पहली विधानसभा है, जो इस घटना की निंदा करते हुए प्रस्ताव लाई है। कश्मीरी और कश्मीरी मुसलमान दुश्मन नहीं हैं। पूरे देश को कश्मीर के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्हें (आतंकवादियों को) पकड़ना और सलाखों के पीछे डालना हमारा अधिकार है।"
नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन होने पर मुंहतोड़ जवाब दिए जाने की मांग की है।