चीन सीमा पर हरित हाइड्रोजन आधारित बिजली संयंत्र लगाएगी सेना, NTPC के साथ हुआ समझौता
क्या है खबर?
भारतीय सेना ने मंगलवार को नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (NTPC REL) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसके तहत वह सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठानों में हरित हाइड्रोजन परियोजनाएं लगाएगी।
यह परियोजना उन अग्रिम क्षेत्रों में क्रियान्वित की जा रही है, जो राष्ट्रीय या राज्य पावर ग्रिड से नहीं जुड़े हैं।
चीन के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद की बीच इस हरित हाइड्रोजन आधारित माइक्रो ग्रिड पावर प्लांट परियोजना की शुरुआत हो रही है।
बयान
सेना ने समझौते को लेकर क्या कहा?
इस समझौते को लेकर भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा कि 'राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन' के तहत भारतीय सेना ने उत्तरी सीमाओं के साथ अग्रिम क्षेत्रों में हरित हाइड्रोजन आधारित माइक्रो ग्रिड पावर प्लांट परियोजना शुरू करने जा रही है।
सेना ने कहा कि ये प्रस्तावित परियोजनाएं NTPC लिमिटेड द्वारा पूर्वी लद्दाख में सैन्य प्रतिष्ठानों में संयुक्त रूप से चिन्हित स्थान पर बिल्ड, ओन एंड ऑपरेट (BOO) मॉडल पर स्थापित की जाएंगी।
सौर ऊर्जा
हाइड्रोजन उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र की होगी स्थापना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस परियोजना में हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए पानी के हाइड्रोलिसिस के लिए एक सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना शामिल है, जो गैर-सौर घंटों के दौरान हाइड्रोजन फ्यूल के माध्यम से बिजली प्रदान करेगा।
सेना ने कहा कि ये पहल भविष्य में इसी तरह की परियोजनाओं के लिए मंच तैयार करेगी और जीवाश्म ईंधन आधारित जनरेटर सेटों पर निर्भरता को कम करने में योगदान देगी। साथ ही इससे ग्रीन-हाउस गैस उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
समझौता
NTPC को 25 साल के लिए लीज पर भूमि उपलब्ध कराएगी सेना- समझौता
रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक NTPC की इकाई (NTPC REL) के साथ भारतीय सेना ने बिजली खरीद समझौते (PPA) किया है, जिसके तहत परियोजना के माध्यम से उत्पन्न बिजली खरीदने की प्रतिबद्धता के साथ 25 साल के लिए वह NTPC को लीज पर आवश्यक भूमि उपलब्ध करा रही है।
इसके साथ ही भारतीय सेना इसी तरह की हरित हाइड्रोजन परियोजना को लेकर NTPC REL के साथ समझौता करने वाला पहला सरकारी संगठन बन गया है।
हरित हाइड्रोजन मिशन
क्या है राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन?
भारत सरकार ने देश को हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए वैश्विक केंद्र बनाने के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की है।
इस मिशन का लक्ष्य 2030 तक हर साल 5 मिलियन मीट्रिक टन हाइड्रोजन की उत्पादन क्षमता हासिल करना है, जिसकी देखरेख प्रमुख सरकारी अधिकारी और उद्योग विशेषज्ञ करेंगे।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 जनवरी को 19,744 करोड़ रुपये के व्यय बजट के साथ मंजूरी दी थी।