इस साल गणतंत्र दिवस पर नहीं दिखेगी पश्चिम बंगाल की झांकी, जानिये वजह
क्या है खबर?
इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी नजर नहीं आएगी।
दरअसल, झांकी के प्रस्तावों का चयन करने वाली एक्सपर्ट कमेटी ने पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
इस घटना के बाद केंद्र सरकार और ममता बनर्जी के बीच तल्खी और बढ़ सकती है।
इस कमेटी ने परेड में झांकिया प्रदर्शित करने के लिए 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और छह मंत्रालयों के प्रस्तावों को हरी झंडी दी है।
मामला
पिछले साल चुनी गई थी पश्चिम बंगाल की झांकी
गणतंत्र दिवस पर दिखाई जाने वाली झांकियों का चयन रक्षा मंत्रालय करता है।
इस साल मंत्रालय को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे।
मंत्रालय ने पांच बैठकों के बाद इनमें से 16 प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई है।
मत्रालय ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी को इसी प्रक्रिया के तहत गणतंत्र दिवस परेड 2019 में भाग लेने के लिए चुना गया था।
जानकारी
प्रस्ताव खारिज होने के बाद बढ़ सकता है विवाद
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में विकास कार्यों, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण की थीम पर बना प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा था, जिसे दो दौर की बैठकों के बाद ही खारिज कर दिया। यह मामला विवाद का विषय बन सकता है।
तनातनी
नागरिकता कानून और प्रस्तावित NRC को लेकर केंद्र पर हमलावर ममता
बता दें कि नागरिकता कानून और प्रस्तावित NRC को लेकर ममता बनर्जी और केंद्र सरकार आमने-सामने हैं।
ममता नागरिकता कानून के विरोध में राज्यभर में बड़े जुलूस निकाल रही हैं। उन्होंने घोषणा की है कि वह इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं करेगी।
वो पिछले 15 दिनों में पांच बार बड़े जुलूस के साथ सड़कों पर निकल चुकी है। 1 जनवरी को उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अपना स्थापना दिवस नागरिकता दिवस के रूप में मनाया।
जानकारी
TMC ने नागरिक दिवस के रूप में मनाया स्थापना दिवस
बुधवार सुबह पार्टी के स्थापना दिवस पर ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा, 'आज राज्य भर में बूथ स्तर पर नागरिक दिवस मनाया जाएगा, क्योंकि हम सभी नागरिक हैं।' गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस की स्थापना एक जनवरी, 1998 को हुई थी।