निठारी कांड: आरोपियों को बरी किए जाने से आहत पीड़ित पिता ने कोठी पर फेंके पत्थर
18 साल पुराने निठारी कांड पर आए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद एक पीड़ित बच्चे के पिता रामकिशन निठारी की डी-5 कोठी पहुंच गए और पत्थर बरसाए। उनके 3 वर्षीय बच्चे हर्ष की चप्पलें और कपड़े इसी कोठी से सटे नाले में पड़े मिले थे, लेकिन आज तक शव नहीं मिला। घटना के बाद सामने आया था कि हर्ष के अलावा निठारी की दर्जनों लड़कियां गायब हुईं थी, जिनके कंकाल कोठी के पास बरामद हुए थे।
क्या आया है कोर्ट का फैसला?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2006 में हुए निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को 12 और मोनिंदर सिंह पंढेर को 2 मामलों में बरी किया। आरोपियों ने दलील दी कि इन घटनाओं का कोई गवाह नहीं है और सिर्फ वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी ठहराकर फांसी की सजा दी गई है। पंढेर की नोएडा स्थित कोठी का कोली रखरखाव करता था और लड़कियों और बच्चों को लालच देकर कोठी में लाता था।