निकिता तोमर हत्याकांड: कोर्ट ने दोषी तौसीफ और रेहान को सुनाई उम्रकैद की सजा
हरियाणा के फरीदाबाद के बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड में शुक्रवार को फरीदाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मामले में दोषी ठहराए गए तौसीफ और रेहान को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। फैसले की खास बात यह रही है कि कोर्ट ने मामले में त्वरित सुनवाई करते हुए घटना के महज 151 दिन बाद दोषियों को उनके किए की सजा दे दी।
27 अक्टूबर, 2020 को की गई थी निकिता की हत्या
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी निकिता तोमर फरीबादबाद के बल्लभगढ़ स्थित अग्रवाल कॉलेज में BCom अंतिम वर्ष की छात्रा थी। 27 अक्टूबर, 2020 की शाम करीब 03:45 बजे जब वह परीक्षा देकर कॉलेज के बाहर निकली तो सोहना निवासी तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर उसे जबरन कार में बैठाने का प्रयास किया। इसमें सफलता नहीं मिलने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी। इससे निकिता की मौत हो गई थी।
वारदात के बाद पुलिस ने तौसीफ और रेहान को किया गिरफ्तार
सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल होने के बाद फरीदाबाद पुलिस ने उसी दिन देर रात दबिश देकर आरोपी तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर वारदात में काम ली गई अवैध पिस्तौल भी बरामद कर ली थी। बाद में सामने आया कि आरोपियों को हथियार अजरुद्दीन ने उपलब्ध कराया था। इस पर पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद से ही तीनों आरोपी जेल में बंद हैं।
तौसीफ ने 2018 में भी की थी पीड़िता के अपहरण की नाकाम कोशिश
बता दें तौसीफ 12वीं कक्षा तक निकिता के साथ पढ़ा था और उस पर दोस्ती का दबाव डालता था। 2018 में भी उसने निकिता के अपहरण की असफल कोशिश की थी और तब उसके परिवार के माफी मांगने पर परिजनों ने शिकायत वापस ले ली थी। गिरफ्तारी के बाद तौसीफ ने कहा था कि निकिता के परिवार की तरफ से दर्ज कराये गए मामले से उसका करियर खराब हो गया था। ऐसे में उसने इसी बात का बदला लिया है।
कोर्ट ने 24 मार्च को ठहराया था दोषी
बता दें कि पुलिस ने कोर्ट में 55 गवाहों के बयान कराए थे और वारदात की CCTV फुटेज प्रस्तुत की थी। जिसमें तौसीफ गोली चलता दिख रहा है। इसी तरह वारदात मे काम ली गई कार में तौसीफ के बाल और रेहान के फिंगर प्रिंट की रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस पर कोर्ट ने 24 मार्च को तौसीफ और रेहान को दोषी करार दिया था। हालांकि, तीसरे आरोपी अजहरुद्दीन को आरोप सिद्ध नहीं होने पर बरी कर दिया गया था।
किस धारा में मिली कितनी सजा
मामले में कोर्ट 151 दिन की सुनवाई के बाद दोनों दोषियों को उमकैद की सजा और जुर्माना लगा दिया। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 366, 34 और 511 में पांच-पांच साल की कैद और दो-दो हजार रुपए जुर्माना तय किया गया है। इसी तरह 120B में पांच-पांच साल की कैद और दो-दो हजार रुपए जुर्माने के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 27A में भी दोनों को चार-चार साल की कैद और दो-दो हजार का जुर्माना लगाया है।
दोषियों को होनी चाहिए थी फांसी की सजा- परिवार
निकिता के पिता मूलचंद तोमर, माता विजयावती और मामा एदल सिंह रावत कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अपना काम कर दिया। जो भी फैसला आया है, ठीक है। हालांकि साथ ही फांसी की मांग को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि उन्हें शांति तब ही मिलेगी, जब दोनों दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया जाएगा। वह अपने प्रयास जारी रखेंगे।