निकिता तोमर हत्याकांड: कोर्ट ने तौसीफ और रेहान को दोषी करार दिया, तीसरा आरोपी बरी
क्या है खबर?
हरियाणा के फरीदाबाद के बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड में बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।
मामले में फरीदाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुख्य आरोपी तौसीफ और रेहान को दोषी करार दिया है।
इसी तरह वारदात के लिए दोनों आरोपियों को हथियार मुहैया कराने के मामले में आरोपी अजहरुद्दीन को पर्याप्त सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। कोर्ट अब इस मामले में 26 मार्च को दोनों दोषियों को सजा सुनाएगी।
पृष्ठभूमि
27 अक्टूबर, 2020 को की गई थी निकिता की हत्या
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी निकिता तोमर फरीबादबाद के बल्लभगढ़ स्थित अग्रवाल कॉलेज में BCom अंतिम वर्ष की छात्रा थी।
27 अक्टूबर, 2020 की शाम करीब 03:45 बजे जब वह परीक्षा देकर कॉलेज के बाहर निकली तो सोहना निवासी तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर उसे जबरन कार में बैठाने का प्रयास किया।
इसमें सफलता नहीं मिलने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी। इससे निकिता की मौत हो गई थी।
कार्रवाई
वारदात के बाद पुलिस ने तौसीफ और रेहान को किया गिरफ्तार
सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल होने के बाद फरीदाबाद पुलिस ने उसी दिन देर रात दबिश देकर आरोपी तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर वारदात में काम ली गई अवैध पिस्तौल भी बरामद कर ली थी। बाद में सामने आया कि आरोपियों को हथियार अजरुद्दीन ने उपलब्ध कराया था।
इस पर पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद से ही तीनों आरोपी जेल में बंद हैं।
जानकारी
आरोपियों के खिलाफ इन धाराओं में दर्ज किया गया था मामला
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 34 (कई व्यक्तियों द्वारा अपराध करना) आर्म्स एक्ट की धारा 25 (प्रतिबंधित हथियार रखना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। तब से फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।
प्रयास
तौसीफ ने 2018 में भी की थी पीड़िता के अपहरण की नाकाम कोशिश
पीड़िता के परिवार ने मामले में कई संगीन आरोप लगाए थे। पीड़िता के पिता मूलचंद तोमर ने कहा था कि तौसीफ 12वीं कक्षा तक निकिता के साथ पढ़ा था और उस पर दोस्ती करने का दबाव डालता था।
उन्होंने कहा कि तौसीफ ने 2018 में भी उनकी बेटी के अपहरण की असफल कोशिश की थी और तब उसके परिवार के बाद में माफी मांगने के बाद उन्होंने पुलिस में दर्ज कराई अपनी शिकायत वापस ले ली थी।
कारण
तौसीफ ने कही थी बदला लेने की बात
बता दें कि पुलिस पूछताछ में आरोपी तौसीफ ने यह भी कहा था कि निकिता के परिवार की तरफ से दर्ज कराये गए एक मामले के कारण उसका करियर खराब हो गया था।
अपहरण का मामला दर्ज कराने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। इससे वह मेडिसिन की पढ़ाई नहीं कर पाया। उसने इसी बात का बदला लिया है।
हालांकि, उसने निकिता की शादी किसी अन्य से होने के कारण भी वारदात करने की बात कही थी।
फैसला
कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश के साक्ष्यों के आधार पर सुनाया फैसला
पुलिस ने कोर्ट के सामने 55 गवाहों के बयान कराए थे और वारदात की CCTV फुटेज प्रस्तुत की थी। जिसमें आरोपी तौसीफ निकिता पर गोली चलता नजर आ रहा है।
इसी तरह वारदात मे काम ली गई कार में तौसीफ के बाल और रेहान के फिंगर प्रिंट मिलने की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की थी।
इन सब सुबूत और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने तौसीफ और रेहान को दोषी करार दिया। हालांकि, अजहरुद्दीन के खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो पाए।