NIA ने ISIS के आतंकी शाहनवाज आलम को गिरफ्तार किया, 3 लाख का था इनाम
क्या है खबर?
दिल्ली में आज सुबह से इस्लामिक स्टेट (ISIS) के 3 आतंकियों की धरपकड़ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) एक बड़ा तलाशी अभियान चला रही थी। अब इस अभियान में एजेंसी को कामयाबी मिली है और उसने मास्टरमाइंड शाहनवाज शफीउज्जमा आलम उर्फ अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर लिया है।
शाहनवाज पर एजेंसी ने 3 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। इसके अलावा NIA 2 और आतंकियों की तलाश में जुटी है।
फरार
पुलिस हिरासत से फरार हो गया था शाहनवाज
पिछले साल जुलाई में आतंकी शाहनवाज पकड़ा गया था, लेकिन वो पुणे पुलिस की हिरासत से फरार हो गया था।
बाद में एजेंसी को इनपुट मिले थे कि शाहनवाज अपने साथियों के साथ दिल्ली में रह रहा है या अपने साथी रिजवान के साथ मध्य दिल्ली के इलाके में कहीं छिपा हो सकता है। इसके बाद से ही दिल्ली पुलिस, पुणे पुलिस और खुफिया एजेंसियों की टीमें शाहनवाज की तलाश में थीं।
पुणे
पुणे मॉड्यूल को लेकर छापेमारी कर रही है NIA
NIA ने ISIS पुणे मॉड्यूल मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की कई जगहों पर छापेमारी की गई थी।
इस मामले में शाहनवाज समेत रिजवान अब्दुल हाजी अली और अब्दुल्लाह फयाज शेख का नाम भी सामने आया था। इन दोनों पर भी 3-3 लाख का इनाम है।
एजेंसी को खबर मिली थी कि ये तीनों दिल्ली में छिपे हैं, जिसके बाद वहां भी छापा मारा था।
बम
आतंकियों ने ली थी बम बनाने की ट्रेनिंग
NIA ने अगस्त में साकिब नाचन नाम के एक व्यक्ति को ठाणे से गिरफ्तार किया था। साकिब के पास आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई थी।
एजेंसी के अनुसार, नाचन अन्य आरोपियों के साथ काम कर रहा था, जो बड़े पैमाने पर हिंसा भड़काने की साजिश रच रहे थे। पुणे के कोंढवा में इन लोगों ने बम बनाने और इस्तेमाल करने के लिए ट्रेनिंग ली थी। इन लोगों ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) की टेस्टिंग भी की थी।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
पिछले दिनों NIA ने खालिस्तानी-गैंगस्टर के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए देश के 7 राज्यों में एक बड़ा ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान NIA ने दिल्ली-NCR, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड के 50 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की थी।
एजेंसी ने इस ऑपरेशन के दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लिया था। NIA ने यह कार्रवाई कनाडा में छिपे खालिस्तानी आतंकियों के सहयोगियों के खिलाफ की थी।