2016 से 2020 के बीच देश में हुए लगभग 3,400 सांप्रदायिक दंगे- गृह मंत्रालय
क्या है खबर?
देश में 2016 से 2020 के बीच लगभग 3,400 सांप्रदायिक दंगे हुए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आज लोकसभा में जवाब दाखिल करते हुए ये जानकारी दी।
अपने लिखित जवाब में राय ने यह भी बताया कि इस समय के दौरान 2.76 लाख दंगों के केस दर्ज किए गए। इनमें से लगभग 3,400 दंगे सांप्रदायिक रहे।
इन दंगों में कितना नुकसान हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
सालों की स्थिति
किस वर्ष कितने दंगे हुए?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए राय ने बताया कि 2020 में देश में 857 सांप्रदायिक या धार्मिक दंगे हुए। इसी तरह 2019 में 438, 2018 में 512, 2017 में 723 और 2016 में 869 सांप्रदायिक दंगे हुए। केवल दंगों की बात करें तो 2020 में 51,606, 2019 में 45,985, 2018 में 57,828, 2017 में 58,880 और 2016 में 61,974 दंगे हुए।
दंगे
इस वजह से इतनी अधिक है दंगों की संख्या
दंगों से संबंधित गृह मंत्रालय के ये आंकड़े केंद्र की भाजपा सरकार के उस दावे पर सवाल खड़े करते हैं जिनके अनुसार उनके राज में कोई भी बड़ा दंगा नहीं हुआ।
गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों में कितने बड़े दंगे शामिल हैं, ये भी स्पष्ट नहीं है। बता दें कि पुलिस कई बार सामान्य लड़ाई में भी दंगे की धारा लगा देती हैं और इसी कारण दंगों की संख्या इतनी बढ़ जाती है।
दिल्ली दंगा
आखिरी बार दिल्ली में हुआ था बड़ा सांप्रदायिक दंगा
बता दें कि देश में आखिरी बड़ा दंगा दिल्ली में फरवरी, 2020 में हुए थे। तब उत्तर-पूर्वी दिल्ली तीन दिन तक दंगों की आग में चली थी।
दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस का एक हेड कांस्टेबल भी शामिल था।
दंगों में संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था। दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी थी।
दिल्ली दंगे
दिल्ली दंगे में ये इलाके हुए थे प्रभावित
1985 के बाद दिल्ली के इस पहले दंगे में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, वेलकम, भजनपुरा, ज्योति नगर, करावल नगर, खजूरी खास, गोकलपुरी, दयालपुर और न्यू उस्मानपुर आदि इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए थे। यहां पर कई दिनों तक तनाव बरकरार रहा था।
मामले में पुलिस ने 348 मामलों में दंगों में शामिल 1,569 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में 802 हिंदुओं और 767 मुस्लिमों को आरोपी बनाया गया है।