जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण को मिली मंजूरी, घर का इंतजार कर रहे लोगों को मिलेगी राहत
क्या है खबर?
राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) ने मंगलवार को जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड को खरीदने के लिए मुंबई के सुरक्षा समूह की बोली को मंजूरी दे दी।
NCLT का यह फैसला कर्ज में डूबी कंपनी के खिलाफ दिवालिया घोषित होने की प्रक्रिया के शुरू होने के करीब 6 साल बाद आया है।
NCLT का यह फैसला घर का इंतजार कर रहे लोगों के लिए राहत लेकर आया है और अब जेपी इंफ्राटेक के 20,000 अधूरे फ्लैटों का निर्माण पूरा हो सकेगा।
फैसला
NCLT ने पिछले साल सुरक्षित रखा था फैसला
बता दें कि NCLT ने पिछले साल 22 नवंबर को जेपी इंफ्राटेक के समाधान पेशेवर की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
इस याचिका में उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में इंफ्राटेक की विभिन्न लंबित परियोजनाओं के तहत 20,000 अधूरे फ्लैट के निर्माण की अनुमति सुरक्षा समूह को देने की अपील की गई थी।
इस फैसले के बाद हजारों खरीददारों को अपने फ्लैट मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
जानकारी
2016 से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं खरीददार
बता दें कि लोगों ने 2010 में जेपी इंफ्राटेक की परियोजना के तहत फ्लैट की बुकिंग करवाई थी। हालांकि, कुछ साल बाद यह कंपनी कर्ज में डूब गई और निर्माण रुक गया। खरीददारों ने 2016 में पहली बार कंपनी के खिलाफ याचिका दायर की थी।
अनुमति
2021 में मिली थी अधिग्रहण की अनुमति
जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया अगस्त, 2017 में शुरू हुई थी।
लेनदारों की समिति ने जून, 2021 में सुरक्षा समूह को जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की अनुमति दी थी। समिति में बैंकों के अलावा घरों के खरीदार भी शामिल थे।
बता दें कि जेपी इंफ्राटेक उन 12 कंपनियों की पहली सूची में शामिल थी, जिनके खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को दिवाला कार्यवाही शुरू करने के लिए NCLT से संपर्क करने का निर्देश दिया था।
बोली
सुरक्षा समूह को बोली में मिले थे 98.66 प्रतिशत मत
सुरक्षा समूह ने वर्ष 2021 में जेपी इंफ्राटेक के लिए खरीदार खोजने के लिए बोली प्रक्रिया के चौथे दौर में 98.66 प्रतिशत मत प्राप्त कर बोली जीती थी।
बता दें कि सुरक्षा समूह को केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NBCC) की तुलना में 0.12 प्रतिशत अधिक वोट मिले थे।
गौरतलब है कि लेनदारों की समिति में 12 बैंकों और 20,000 से अधिक खरीददारों के पास मतदान का अधिकार था।
प्रक्रिया
क्या होती है कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया?
इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) की धारा 12(1) के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया को आवेदन के प्रवेश की तारीख से 180 दिनों की समय सीमा के भीतर पूरा करना अनिवार्य है।
किसी भी विस्तार और कानूनी कार्यवाही में लगने वाले समय समेत अन्य कुछ शर्तों के साथ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया को 330 दिनों के भीतर पूरा किया जा सकता है।
हालांकि, जेपी इंफ्राटेक को मुकदमों के कई दौरों का सामना करना पड़ा था।