महाराष्ट्र: नासिक में अफगानिस्तान के मुस्लिम सूफी संत की गोली मारकर हत्या, ड्राइवर पर शक
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के नासिक में मंगलवार को अफगानिस्तान के एक मुस्लिम धार्मिक गुरू की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।
35 वर्षीय सूफी संत ख्वाजा सैयद चिश्ती की नासिक में एक खुली जगह पर हत्या की गई और हमलावर उनकी ही गाड़ी को लेकर भाग गए।
पुलिस ने मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया है जिनमें से एक सूफी संत का ड्राइवर बताया जा रहा है। पुलिस ने धार्मिक कारणों से हत्या से इनकार किया है।
मामला
कई साल से नासिक के येवला कस्बे में रह रहे थे ख्वाजा सैयद चिश्ती
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना नासिक जिले के येवला कस्बे की है। अफगानिस्तान से आने वाले ख्वाजा सैयद चिश्ती पिछले कई सालों से इस कस्बे में रह रहे थे।
मंगलवार को वह कस्बे की दो-तीन जगहों पर गए, लेकिन जैसे ही वो महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) के अंतर्गत आने वाले इलाके के एक खाली प्लॉट में पहुंचे, कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया।
हमले में चिश्ती के सिर में गोली लगी और उनकी तुरंत मौत हो गई।
पूछताछ
चिश्ती के ड्राइवर पर शक, पूछताछ जारी
रिपोर्ट्स के अनुसार, वारदात तो अंजाम देने के बाद आरोपी ख्वाजा चिश्ती के काफिले की ही एक SUV को लेकर भाग गए।
पुलिस ने मामले में तीन-चार लोगों को हिरासत में लिया है। चिश्ती के ड्राइवर पर इस घटना को अंजाम देने का शक है और चश्मदीदों ने उसका नाम लिया है।
पुलिस उससे भी पूछताछ कर रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है।
कारण
हत्या का कारण स्पष्ट नहीं, पुलिस ने जमीन विवाद को बताया संभावित कारण
अभी तक ख्वाजा चिश्ती की हत्या का कारण स्पष्ट नहीं है, हालांकि पुलिस ने जमीन विवाद में उनकी हत्या किए जाने की आशंका व्यक्त की है।
पुलिस के अनुसार, ख्वाजा चिश्ती ने स्थानीय लोगों की मदद से जमीन का एक प्लॉट हासिल किया था क्योंकि अफगानी नागरिक होने के नाते भारत में जमीन नहीं खरीद सकते थे।
पुलिस का कहना है कि उनकी हत्या का संबंध इस प्लॉट से हो सकता है।
तनाव
अमरावती में केमिस्ट की हत्या के कारण महाराष्ट्र में बना हुआ है तनाव
गौरतलब है कि मुस्लिम धर्मगुरू सैयद चिश्ती की हत्या ऐसे समय पर की गई है जब अमरावती में एक केमिस्ट की हत्या के कारण राज्य में पहले से ही सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है।
केमिस्ट उमेश प्रह्लादराव कोल्हे की 21 जून को कुछ हमलावरों ने उस समय हत्या कर दी थी जब वो अपनी दुकान से घर जा रहे थे।
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने वाली पूर्व भाजपा नेता नुपुर शर्मा का समर्थन करने पर उनकी हत्या हुई थी।