ज्ञानवापी मामला: मस्जिद समिति फिर वाराणसी कोर्ट पहुंची, 15 दिन तक पूजा पर रोक की मांग
क्या है खबर?
ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा के अधिकार का मामला फिर से वाराणसी कोर्ट में पहुंच गया है।
गुरुवार को मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला कोर्ट से 15 दिन की मोहलत मांगी और तब तक पूजा पर रोक लगाने को कहा।
इसके अलावा हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार देने के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी याचिका दायर कर दी है।
याचिका
याचिका में मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?
ज्ञानवापी मस्जिद को चलाने वाली अंजुमन इंतजामिया समिति ने वाराणसी कोर्ट से अपने आदेश पर 15 दिनों का प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। याचिका में कहा गया कि 15 दिनों तक आदेश को लागू न किया जाए और उन्हें हाई कोर्ट में पक्ष रखने का समय दिया जाए।
इसके अलावा उसने वाराणसी कोर्ट के आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए उससे मामले में जल्द सुनवाई की गुहाई लगाई है।
जानकारी
हिंदू पक्ष ने मांगा अतिरिक्त समय
दूसरी ओर हिंदू पक्ष ने मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष आपत्तियां दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध किया। इसके बाद कोर्ट ने स्थिति की जटिलता को समझते हुए अगली सुनवाई 8 फरवरी को तय की है।
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप से किया इनकार
इससे पहले मस्जिद समिति ने वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था। इसमें वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया, ताकि वह कानूनी उपाय तलाश सके।
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले में किसी भी तरह से हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष से आदेश में किसी भी तरह की राहत के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करने को कहा।
क्या
क्या है व्यास जी का तहखाना?
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 4 तहखाने हैं। इनमें से एक अभी व्यास परिवार के कब्जे में है, जो यहां सालों से पूजा करते आ रहा है। ये तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में दक्षिण में स्थित है।
इसकी ऊंचाई करीब 7 फुट और क्षेत्रफल 40 वर्ग फुट है। इसके ठीक सामने नंदी की मूर्ति है।
ये तहखाना करीब 30 सालों से बंद था। हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां 1993 से पहले पूजा हुआ करती थी।
कोर्ट मामला
व्यास परिवार ने मांगी थी तहखाने में पूजा करने की अनुमति
2016 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित तहखाने में पूजा शुरू किए जाने को लेकर व्यास शैलेंद्र कुमार पाठक ने याचिका दायर की थी। हाल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वे के दौरान भी तहखाने की साफ-सफाई हुई थी।
इसके बाद 31 जनवरी को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने हिंदू पक्ष को तहखाने में पूजा का अधिकार दिया है। 1 फरवरी की सुबह 2 बजे यहां पूजा भी हो गई।