शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सड़क पर उतरेगा मुस्लिम समुदाय, वक्फ विधेयक के खिलाफ मार्च
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 के खिलाफ दिल्ली तक मार्च निकालेगा। घोषणा रविवार को राजस्थान के जयपुर में वक्फ विधेयक के खिलाफ आयोजित 'तहफ्फुज-ए-औकाफ' कॉन्फ्रेंस में की गई। इसमें मुस्लिम विद्वानों और नेताओं की भीड़ जुटी। उनका आरोप है कि विधेयक समुदाय की संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास है, जिसके खिलाफ 24 नवंबर को मार्च निकाला जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है।
जयपुर की बैठक में क्या उठा मुद्दा
जयपुर की बैठक में राजस्थान वक्फ बोर्ड के सदस्य शाहिद हसन ने कहा, "वे वक्फ अधिनियम को बदलना चाहते हैं और इसका नाम भी बदलना चाहते हैं। इसमें एक धारा है जिसके तहत संपत्ति को वक्फ के रूप में नामित किया जा सकता है। वे प्रस्ताव कर रहे हैं कि केवल वे लोग जो 5 साल से मुसलमान हैं, वे ही वक्फ को संपत्ति दान कर सकते हैं। इसका स्पष्ट अर्थ है कि गैर-मुस्लिम अब ऐसा दान नहीं कर पाएंगे।"
कांग्रेस सांसद और JPC सदस्य इमरान मसूद ने क्या कहा?
बैठक में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस सांसद और वक्फ विधेयक को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सदस्य इमरान मसूद ने कहा, "यह विधेयक संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। सरकार इस तरह वक्फ बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती। सरकार भविष्य में मंदिर की संपत्ति भी अधिग्रहित कर सकती है। गैर-मुस्लिम भाइयों, इस समय हमारे घर में आग लगी है, लेकिन यदि आप इसे बुझाने में मदद नहीं करेंगे, तो आग आपके घरों तक भी पहुंच सकती है।"
वक्फ विधेयक पर क्यों है हंगामा?
केंद्र सरकार अगस्त में मानसून सत्र के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक लेकर आई थी, जिसे हंगामे के बाद JPC में भेज दिया गया। विधेयक में वक्फ कानून, 1995 की धारा 40 को पूरी तरह से हटाया जाएगा। इसके तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार था। वक्फ कानून, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 होगा। विवाद सुलझाने का अधिकार जिला कलेक्टर को दिया जाएगा।
तीसरा सबसे बड़ा जमीन का मालिक है वक्फ
भारत में करीब 30 वक्फ बोर्ड 9 लाख एकड़ से ज़्यादा ज़मीन का प्रबंधन करते हैं। इसकी अनुमानित कीमत करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये है। इस तरह वक्फ बोर्ड रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद देश में तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक बन गया है।