
मुंबई 26/11 हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा कल सुबह लाया जाएगा भारत- रिपोर्ट
क्या है खबर?
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 26/11 आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को गुरुवार सुबह तक अमेरिका से प्रत्यार्पित कर भारत लाया जाएगा। यह जानकारी एक केंद्रीय अधिकारी ने दी है।
इंडिया टुडे के मुताबिक, भारत की खुफिया और जांच अधिकारियों की एक विशेष टीम राणा की वापसी के लिए अमेरिका पहुंच गई है।
अमेरिकी कोर्ट की सिफारिश के अनुरूप दिल्ली और मुंबई की 2 जेलों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
जांच
NIA की हिरासत में रहेगा राणा
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत लाए जाने के बाद आतंकी राणा को कुछ दिन तक पूछताछ और शुरूआती जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में रखा जाएगा।
राणा के प्रत्यर्पण अभियान की पूरी निगरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के साथ NIA और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं।
बता दें कि भारत ने जून 2020 में राणा की अस्थायी गिरफ्तारी का औपचारिक अनुरोध किया था, जिसके बाद उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
सुनवाई
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में 2 बार खारिज हो चुकी है राणा की याचिका
राणा ने अपना प्रत्यर्पण रोकने के लिए 2 बार अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन दोनों बार उसको निराशा मिली।
पहली बार 7 मार्च को उसका 'आपातकालीन स्थगन आवेदन' खारिज हुआ था। इसके बाद 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने याचिका खारिज की।
राणा ने नए सिरे से याचिका दायर कर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स से कराने की मांग की थी।
64 वर्षीय राणा अभी लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है।
पहचान
कौन है तहव्वुर राणा?
राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। उसने मेडिकल की पढ़ाई की है और पाकिस्तान सेना में 10 साल डॉक्टर रह चुका है। 1997 में वह कनाडा चला गया, जिसके 3 साल बाद उसने अमेरिका के शिकागो में इमीग्रेशन का काम शुरू किया।
उसके पास कनाडाई नागरिकता है, लेकिन वह शिकागो में रहता है।
राणा पर आरोप है कि उसने 2006 से लेकर नवंबर, 2008 तक पाकिस्तान में मुंबई हमलों के मास्टरमांइड डेविड हेडली के साथ मिलकर पूरी साजिश रची।
हमला
मुंबई हमले में मारे गए थे 175 लोग
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में आतंकी हमला हुआ था। तब समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए पाकिस्तानी आतंकियों ने ताज होटल समेत 6 जगहों पर हमले किए थे।
हमले में विदेशी नागरिकों समेत 175 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई सैंकड़ों घायल हुए थे। 4 दिनों तक तक चले आतंकरोधी अभियान के बाद सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया था।
इसी तरह एक जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी गई थी।