कौन हैं प्रधानमंत्री मोदी के मित्र अब्बास, जो बचपन में उनके घर में रहते थे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी मां हीराबेन मोदी को जन्मदिन और उम्र के 100वें साल में प्रवेश करने की बधाई देने के लिए अपने घर गांधीनगर गए थे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर एक ब्लॉग लिखा जिसमें उन्होंने अपनी मां की उदारता और देखभाल करने वाले स्वभाव के बारे में बताया। इसमें प्रधानमंत्री ने अपने पिता के दोस्त के पुत्र अब्बास के बारे में भी जानकारी दी। आइए जानते है कि प्रधानमंत्री का ये मित्र अब्बास कौन है।
प्रधानमंत्री ने बताया, पढ़ाई पूरी होने तक साथ रहे थे अब्बास
प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग के जरिए बताया कि उनके पिता दामोदर दास मूलचंद मोदी के एक मित्र के पुत्र अब्बास को उनकी मां ने अपने बेटे की तरह पाला था। प्रधानमंत्री के अनुसार, अब्बास अपने पिता के साथ पास के गांव में रहते थे और अब्बास के पिता की असमय मृत्यु होने के कारण उनके पिता अब्बास को अपने घर ले आए। उन्होंने बताया कि अब्बास अपनी पढ़ाई पूरी करने तक उनके परिवार के साथ ही रहे।
ईद पर अब्बास की पसंद का खाना बनाती थी मां- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने आगे बताया, "अब्बास हमारे घर में रहते थे और पढ़ाई करते थे, इसलिए मां हम सभी बच्चों की तरह अब्बास का भी बहुत ख्याल रखती थी। मां हर ईद पर अब्बास के पसंद के पकवान बनाती थी।"
कौन है अब्बास?
प्रधानमंत्री के ब्लॉग में अब्बास का जिक्र आने पर लोगों में अब्बास को जानने की तीव्र इच्छा जग गई और मीडिया, सोशल मीडिया पर अब्बास को खोजा जाने लगा। जल्द ही प्रधानमंत्री के भाई ने एक फोटो की पहचान करते हुए कहा, "यही हैं अब्बास भाई।" अब्बास इस वक्त ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में रहते हैं। जानकारी के अनुसार, अब्बास गुजरात में फूड और सप्लाई विभाग में सरकारी कर्मचारी थे और वह कुछ महीने पहले ही रिटायर हुए हैं।
छोटे बेटे के साथ रहते हैं अब्बास
अब्बास के दो बेटे है। उनका बड़ा बेटा गुजरात में ही मेहसाणा जिले की खेरालु तहसील में रहता है, वहीं छोटा बेटा ऑस्ट्रेलिया में रहता है। अब्बास इस समय अपने छोटे बेटे के साथ ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रह रहे हैं। अभी तक कोई भी मीडिया चैनल या अन्य समूह अब्बास से विस्तृत बातचीत नहीं कर सका है, जिससे मोदी परिवार के साथ बिताए गए उनके समय की अधिक जानकारी मिल सके।
मेरी अच्छाइयां माता-पिता की देन- मोदी
मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा, "आज मेरे जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, मेरे व्यक्तित्व में जो कुछ भी अच्छा है, वो मां और पिताजी की ही देन है। आज जब मैं यहां दिल्ली में बैठा हूं तो कितना कुछ पुराना याद आ रहा है। मेरी मां जितनी सामान्य हैं, उतनी ही असाधारण भी। ठीक वैसे ही, जैसे हर मां होती है।" उन्होंने आगे लिखा कि मां की तपस्या उसकी संतान को सही इंसान बनाती है।