कोरोना वायरस: अहमदाबाद में कई गुना अधिक मौतें होने की आशंका, नए आंकड़ों से मिले सबूत
क्या है खबर?
गुजरात के अहमदाबाद में कोविड के कारण हुई मौतों को कम करके दिखाने के सबूत सामने आए हैं। सरकार के ही आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अप्रैल और मई में अहमदाबाद में इससे पहले के दो सालों के मुकाबले तीन गुना अधिक मौतें हुईं।
सवाल ये उठता है कि पिछले साल इन दो महीनों में इतनी अधिक मौतें क्यों हुईं। इन्हें कोविड से इसलिए जोड़ा जा रहा है क्योंकि इसी दौरान देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई थी।
आंकड़े
अप्रैल-मई, 2021 में अहमदाबाद में हुईं 30,000 से अधिक मौतें
अहमदाबाद के स्थानीय प्रशासन द्वारा एक्टिविस्ट पंकज भट्ट के साथ साझा की गई जानकारी के अनुसार, 80 लाख की आबादी वाले अहमदाबाद में पिछले साल अप्रैल और मई में 30,427 मौतें हुईं।
वहीं इससे पहले के दो सालों में इन दोनों महीनों में मिलाकर औसतन 8,337 मौतें हुईं थी।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अप्रैल-मई, 2021 में कोविड के कारण 1,000 से भी कम मौतें दिखाईं।
इसका मतलब लगभग 20,000 अधिक मौतों का कोई आधिकारिक कारण मौजूद नहीं है।
बयान
सच छिपाने की कोशिश कर रहा था प्रशासन- भट्ट
मौतों से संबंधित ये डाटा निकलवाने वाले एक्टिविस्ट पंकज भट्ट ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ इन आंकड़ों को साझा करते हुए कहा, "लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मुझे ये आंकड़े दिए गए हैं। ये अपने आप में दिखाता है कि प्रशासन कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा था और त्रासदी की पूरी और असली तस्वीर को नहीं दिखाना चाहता था।"
गुजरात के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर मौत के आंकड़ों को दबाने से इनकार किया है।
अहमदाबाद
अहमदाबाद में आधिकारिक तौर पर हुईं 10,942 मौतें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में कोरोना वायरस का भीषण प्रकोप देखने को मिला था और एक बार को तो यहां बेड भी कम पड़ने लगे थे।
राज्य सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शहर में महामारी की शुरूआत से अब तक कुल 10,942 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। हालांकि लगभग 87,000 परिवारों को कोविड से संबंधित मुआवजा दिया गया है।
लहर
पिछले साल अप्रैल-मई में देश में आई थी बेहद भीषण लहर
गौरतलब है कि भारत में पिछले साल अप्रैल-मई में कोरोना संक्रमण की दूसरी और अब तक की सबसे भीषण लहर आई थी। ये लहर डेल्टा वेरिएंट के कारण आई थी।
इस लहर के कारण देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी पड़ गई थी और संक्रमितों को ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
दिल्ली में शवों के अंतिम संस्कार के कारण भट्टी तक पिघल गई थीं। उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे सैकड़ों शव मिले थे।