मणिपुर: NDA विधायकों ने हिंसा को लेकर बैठक की, उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाने की मांग
मणिपुर में हिंसा के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के विधायकों ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें जिरीबाम में 6 नागरिकों की हत्या पर चिंता जताई गई है। विधायकों ने बैठक में एक प्रस्ताव पास कर जिम्मेदार उग्रवादियों के खिलाफ 7 दिनों के अंदर बड़े पैमाने पर अभियान चलाने का आह्वान किया है। सोमवार रात को हुई बैठक में NDA के 27 विधायक शामिल हुए थे।
मामले की जांच NIA को सौंपने की मांग
बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि 3 महिलाओं और 3 बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार समूह को "गैरकानूनी संगठन" घोषित किया जाए। उन्होंने मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने की मांग की। बयान में कहा गया कि अगर प्रस्तावों को समय पर लागू नहीं किया जाता, तो सभी NDA विधायक मणिपुर के लोगों के परामर्श से आगे की कार्रवाई तय करेंगे। शांति के लिए केंद्र-राज्य से जल्द कदम उठाने को कहा गया है।
मणिपुर में क्यों तेज हुई हिंसा?
मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से हिंसा जारी है, जो पिछले हफ्ते शनिवार को जिरीबाम जिले की बराक नदी से 6 विस्थापितों के शव मिलने के बाद बढ़ गई। प्रदर्शनकारियों ने 3 मंत्रियों और 6 विधायकों के घरों पर हमला कर आगजनी की। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इसके बाद 3 जिलों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ 5 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी है।
बैठक से अनुपस्थित रहे विधायक
बैठक में 19 विधायक अनुपस्थित थे, जिसमें 7 विधायक चिकित्सा आधार पर औपचारिक सूचना के साथ बैठक में नहीं आए, जबकि 11 विधायक बिना कारण बताए गायब रहे, जिससे उन्हें नोटिस भेजा गया है। मणिपुर में NDA के पास 60 में से 46 सीटें हैं।