उत्तर प्रदेश: कमरे में सो रही तीन बहनों पर फेंका तेजाब, एक की हालत गंभीर
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में दो मंजिला इमारत चढ़कर कमरे में सो रही तीन दलित बहनों पर तेजाब फेंकने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। इसमें दो बहने आंशिक रूप से झुलस गई और तीसरी बहन की हालत गंभीर बनी हुई है। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों से घटना की जानकारी ली। वारदात के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस आरोपी का पता लगाने में जुटी है।
सोती हुई बहनों पर आरोपी ने फेंका तेजाब
गोंडा पुलिस अधीक्षक (SP) शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि घायल तीनों बहनों की उम्र 8, 12 और 17 साल है। तीनों दलित समुदाय से संबंध रखती है। सोमवार रात वह परसपुर थाना क्षेत्र के पसका गांव स्थित घर की दूसरी मंजिल पर बने कमरे में सो रही थी। उसी दौरान आरोपी ने दो मंजिल चढ़कर खिड़की के जरिए तीनों पर तेजाब फेंक दिया। इसमें सबसे बड़ी बहन गंभीर रूप से झुलस गई, जबकि दो अन्य बहनें मामूली झुलसी हैं।
पुलिस ने वारदात के पीछे किसी जानकार के होने की जताई आशंका
SP पांडेय ने बताया कि वारदात के पीछे किसी परिचित का हाथ होने की आशंका है। हमलावर को तीनों बहनों के घर की दूसरी मंजिल पर सोने तथा खिड़की के जरिए तेजाब फेंके जाने की पूरी जानकारी थी। ऐसे में उसने रात के अंधेरे में वारदात को अंजाम दे दिया। उन्होंने बताया कि तीनो बहनों से पूछताछ जारी है। उनके बयानों के आधार पर आरोपी का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा। आरोपी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
गंभीर रूप से झुलती बेटी की तय हो चुकी थी शादी- पिता
पीड़िताओं के पिता ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी 30 प्रतिशत झुलस गई है और उसे बड़ी तकलीफ हो रही है। उन्होंने बताया कि बड़ी बेटी की शादी तय हो चुकी थी और जल्द ही शादी होने वाली थी। तेजाब के हमले से उसका चेहरा बुरी तरह से झुलस गया है। ऐसे में पता नहीं अब उसकी शादी कैसे होगी। बता दें कि तीनों बहनों के पिता गांव में कपड़े प्रेस करने की दुकान से परिवार का पेट पालते हैं।
उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं अपराध
उत्तर प्रदेश में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। गत दिनों हाथरस में एक दलित युवती से गैंगरेप किया गया था। उसके बाद उसकी मौत हो गई। उस मामले में विपक्ष उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर हुआ बैठा है। इसी तरह पिछले सप्ताह भी गोंडा चर्चा में रहा था। वहां एक पुजारी को संपत्ति विवाद में गोली मार दी गई थी। उस दौरान योगी सरकार को विपक्ष ने यह कहकर घेरा था कि उनके राज में साधु-संत तक सुरक्षित नहीं हैं।