क्या वाहनों में अनिवार्य होगा एल्कोहल सेंसिंग सिस्टम? इससे शराब पीकर गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होगी
शराब पीकर वाहन चलाने से देश में प्रतिदिन होने वाले सड़क हादसों में दर्जनों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान होने के बाद भी हादसों में कमी नहीं आ रही है। अब मद्रास हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार को वाहनों में एल्कोहल सेन्सिंग इग्निशन इंटरलॉकिंग सिस्टम अनिवार्य करने पर विचार करने को कहा है।
क्या है एल्कोहल सेंसिंग सिस्टम?
एल्कोहल सेंसिंग सिस्टम एक तरह ब्रीथ एनलाइजर की तरह ही शरीर में एल्कोहल की मात्रा मापने का यंत्र है। इसे कार में फिट करने के बाद जब भी चालक कार स्टार्ट करेगा तो उसे पहले एनालाइजर के पाइप को अपने मुंह में लेना होगा। यदि चालक के शरीर में निर्धारित मात्रा से अधिक एल्कोहल की मात्रा पाई जाती है तो कार स्टार्ट ही नहीं होगी। यदि एक्लोकल की मात्रा तय मापदंड के अनुसार होगी तो कार स्टार्ट हो जाएगी।
हाईकोर्ट ने कही ऑटोमोबाइल कंपनियों को निर्देश देने की बात
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार वाहनों में एल्कोहल सेंसिंग सिस्टम लागू करने के लिए सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों को पाबंद करने पर विचार करें। इससे कंपनियों को वाहन का निर्माण करते समय ही इस सिस्टम को उसमें इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा।
दुघर्टना संबंधी मुआवजे को लेकर हुई थी सुनवाई
मद्रास हाईकोर्ट ने यह बात दुघर्टना में घायल हुए चेन्नई के मणिकंदम की मुआवजा राशि बढ़ाने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान कही। याचिका में पीड़ित ने कहा था कि शराब पीकर वाहन चलाकर एक व्यक्ति ने उसे टक्कर मार दी थी। इससे उसे पैरालिसिस हो गया था, लेकिन मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल की ओर से अपेक्षित मुआवजा राशि नहीं दी जा रही। उसने कोर्ट से मुआवजा राशि को बढ़ाने की मांग की थी।
दुघर्टना को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने दिया मुआवजा राशि बढ़ाने का आदेश
जस्टिस एन किरुकरन और अब्दुल कुद्धोस की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल को पीड़ित को मुआवजा राशि लगभग 4 लाख 37 हजार रुपये की जगह 67 लाख 35 हजार रुपये ब्याज सहित देने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को शराब पीकर वाहन चलाने वालों की जांच करने और उनके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई करने के लिए भी कई निर्देश दिए हैं।
अदालत ने दिए शराब पीकर वाहन चलाने वालों को गिरफ्तार करने के आदेश
हाईकोर्ट ने पुलिस को शराब पीकर वाहन चलाने वालों को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 202 के तहत गिरफ्तार करने, धारा 185 के तहत वाहन जब्त करने और ब्रीथ एनलाइजर का उपयोग कर एल्कोहल की मात्रा की रिपोर्ट बनाने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने सरकार को पुलिस को पर्याप्त मात्रा में ब्रीथ एनालाइजर उपलब्ध कराने, दोषियों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 और भारतीय दंड संहिता की धारा 279 में भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
तमिलनाडु में 70 लाख लोग प्रतिदिन करते हैं शराब का सेवन
कोर्ट ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि तमिलानाडु में 6 करोड़ 80 करोड़ लोगों में 70 लाख प्रतिदिन शराब पीते हैं। इसमें राज्य की कुल कमाई का 35 प्रतिशत हिस्सा है। ऐसे में सरकार को इसकी रोकथाम पर विशेष ध्यान देना चाहिए।