लखनऊ हादसे में अब तक 8 की मौत, 27 घायल; बचाव कार्य अभी भी जारी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 7 सितंबर को इमारत गिरने के बाद अभी तक बचाव कार्य जारी है। हादसे में मृतकों का आकंड़ा बढ़कर 8 पर पहुंच गया है और 27 घायलों का इलाज जारी है। बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में है और अब मलबे में किसी के भी दबे होने की संभावना नहीं है। घटनास्थल पर अभी भी काफी मलबा है, जिसे हटाने का काम जारी है।
हादसे की वजह अभी स्पष्ट नहीं
इमारत गिरने की वजह अभी सामने नहीं आई है। कहा जा रहा है कि इमारत के निचले तल पर काम चल रहा था, इस वजह से हादसा हुआ। DCP आरएन सिंह ने कहा कि इमारत जर्जर थी इस वजह से ढह गई। ये भी दावा किया जा रहा है कि जलभराव की वजह से हादसा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले एक ट्रक इमारत से टकराया था, उस वजह से पिलर कमजोर हो गया था।
घायलों से मिलेंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीड़ितों से मिलने लोकबंधु अस्पताल जाएंगे। वे यहां घायलों से मुलाकात करेंगे। प्रशासन ने मृतकों की सूची भी जारी की है। इसमें पंकज तिवारी पुत्र सत्य प्रकाश तिवारी उम्र लगभग 40 वर्ष, धीरज गुप्ता पुत्र महादेव गुप्ता उम्र लगभग 48 वर्ष, अरूण सोनकर पुत्र संजय सोनकर उम्र लगभग 28 वर्ष, राजकिशोर पुत्र श्रीकृष्ण उम्र 27 वर्ष, जसप्रीत सिंह साहनी, जगरूप सिंह, रुद्र यादव और राकेश लखन पाल के नाम हैं।
घटना के बारे में चश्मदीदों ने क्या बताया?
हादसे के समय इमारत में मौजूद विजय सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया, "पहले पिलर क्षतिग्रस्त हुआ। हमें पता चला कि पिलर क्षतिग्रस्त हुआ तो हमने गोदाम खाली कर दिया। इसके बाद अचानक इमारत गिर गई। हम लोग जैसे ही नीचे आए, 5 मिनट बाद इमारत गिर गई।" एक दूसरे चश्मदीद राजेंद्र सिंह ने कहा, "हम सीढ़ी से उतर रहे थे, तभी धुआं जैसा दिखा। हम भागने लगे तो गाड़ी में फंस गए, वहीं चोट लग गई।"
कब-कैसे हुआ था हादसा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7 सितंबर की शाम मामला सरोजनीनगर थाना क्षेत्र काे ट्रांसपोर्ट नगर के पास शहीद पथ पर एक पुरानी 3 मंजिला इमारत गिर गई थी। जब हादसा हुआ, उस वक्त इमारत में करीब 30 लोग मौजूद थे। बताया जा रहा है कि इमारत का इस्तेमाल एक दवा कंपनी गोदाम के तौर पर करती थी। इमारत गिरने के बाद मलबे की चपेट में एक ट्रक भी आ गया था।