कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में पहुंची हिंसक भीड़, डॉक्टरों से मारपीट कर की तोड़फोड़
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में गुरुवार आधी रात को डॉक्टरों के धरने के बीच हिंसक भीड़ पहुंच गई और उन्होंने उत्पात मचा दिया। अस्पताल में पुलिसकर्मियों की संख्या कम होने के कारण हिंसक भीड़ पर काबू नहीं पाया जा सका। बाद में भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्च करना पड़ा। उपद्रवियों का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें वे तोड़फोड़ करते दिख रहे।
परिसर के अंदर कैसे घुसी भीड़?
मेडिकल कॉलेज के ट्रेनी डॉक्टर हसन मुश्ताक ने मीडिया को बताया कि डॉक्टर अपना विरोध कर रहे थे और उन्हें रात 11 बजे के बाद अस्पताल के धरनास्थल से विरोध-प्रदर्शन के लिए निकलना था। डॉक्टर ने बताया कि इसी बीच अस्पताल के बाहर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई और उन्होंने "हमें न्याय चाहिए" के नारे लगाए। भीड़ इकट्ठा होने के बाद भी पुलिस उन्हें नहीं हटा रही थी। भीड़ किसी तरह बैरिकेड तोड़कर अंदर घुस गए और तोड़फोड़ मचा दी।
अस्पताल में जमकर की तोड़फोड़
उपद्रवियों ने अस्पताल परिसर में प्रवेश करके पहले डॉक्टरों को पीटा, फिर उनके धरनास्थल को तहस-नहस कर दिया। डॉक्टरों और खासकर महिला डॉक्टरों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। इसके बाद भीड़ ने कई वाहनों को निशाना बनाया और अस्पताल के अंदर तोड़फोड़ मचा दी। बताया जा रहा है कि भीड़ ने मौका-ए-वारदात (जहां डॉक्टर का रेप और हत्या हुई) पर भी तोड़फोड़ की है, जिससे सबूत नष्ट होने की संभावना है। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
घटना के विषय में जानकारी देते प्रदर्शनकारी डॉक्टर
पुलिस ने नहीं उठाया कोई ठोस कदम
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने कहा कि मौके पर पुलिस बल कम था, जिसकी वजह से भीड़ उग्र हो गई और उन्होंने उत्पात फैलाया। उन्होंने लोगों की गुस्सा का ठीकरा मीडिया पर फोड़ा। उन्होंने कहा मीडिया में कोलकाता पुलिस को गलत दिखाया गया, जिससे कारण यह सब हुआ है। पश्चिम बंगाल भाजपा ने हिंसा का आरोप तृणमूल कांग्रेस (TMC) के समर्थकों पर लगाया है। भाजपा का कहना है कि बिना सरकार के शह के यह नहीं हो सकता।
किस मामले में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले रेप की पुष्टि हुई। उसकी आंख, मुंह, पैर, गर्दन, हाथ, कमर और निजी अंगों पर काफी चोटें थीं। मामले में पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया है। फिलहाल CBI को मामले की जांच सौंपी गई है। सुरक्षा समेत कई मांगों को लेकर डॉक्टर हड़ताल पर थे।