कोलकाता रेप-हत्या मामला: फॉरेंसिक रिपोर्ट में पुष्टि, घटनास्थल पर संघर्ष और प्रतिरोध का नहीं मिला सबूत
पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) की ओर से पेश की गई फोरेंसिक रिपोर्ट में बताया गया कि अस्पताल के सेमिनार हॉल में अपराध स्थल पर किसी भी संभावित संघर्ष या प्रतिरोध का कोई सबूत नहीं मिला है। इंडिया टुडे के मुताबिक, यह रिपोर्ट 11 सितंबर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई थी।
फॉरेंसिक रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा?
CFSL की दिल्ली की टीम ने 14 अगस्त को सेमिनार हॉल की जांच कर नमूने इकट्ठे किए थे। यहां लकड़ी के मंच पर गद्दा था, जिस पर डॉक्टर पर हमला हुआ था। फॉरेंसिक रिपोर्ट में बताया गया कि इस गद्दे पर पाए गए कट के निशान किसी घायल पीड़ित के सिर और पेट के निचले हिस्से से काफी मिलते-जुलते हैं, जो गद्दे पर लेटा था। हालांकि, पीड़िता और आरोपी के बीच संघर्ष के सबूत आसपास नहीं मिले।
आसपास कोई जैविक दाग नहीं पाया गया- रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित द्वारा हमलावर के साथ दिखाए गए संभावित संघर्ष या उनके बीच लड़ाई के सबूत घटनास्थल वाले गद्दे और सेमिनार हॉल के अंदर के आसपास के क्षेत्र में गायब हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, लकड़ी के मंच, उसके आसपास, सेमिनार कक्ष के बाकी फर्श पर, लकड़ी के मंच पर बिछे गद्दे के अलावा, "कोई जैविक दाग" नहीं पाया गया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सेमिनार हॉल में किसी की नजर से बचकर घुसना मुश्किल है।
क्या है मामला?
मेडिकल कॉलेज के सभागार में 9 अगस्त को एक ट्रेनी महिला डॉक्टर का रेप हुआ और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद देशभर में विरोध शुरू हो गया। रेप-हत्या मामले में मुख्य आरोपी अस्पताल का स्वयंसेवक संजय रॉय अभी जेल में है। मामले की CBI जांच के दौरान मेडिकल कॉलेज में वित्तीय घोटाले का पता चला, जिसमें पूर्व प्रधानाचार्य डॉ संदीप घोष को गिरफ्तार किया गया। बाद में रेप-हत्या मामले में भी घोष की लापरवाही सामने आई।
संदीप घोष को मिल चुकी है जमानत
डॉक्टर के रेप और हत्या मामले में संदीप घोष और पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल को जमानत मिल गई है। मंडल पर भी मामले की जांच में लापरवाही का आरोप है। CBI दोनों की गिरफ्तारी के 90 दिन बाद भी आरोपपत्र दाखिल नहीं कर सकी, जिसका इनको फायदा मिला। 13 दिसंबर को सियालदह में विशेष CBI कोर्ट ने 2,000 रुपये के मुचलके पर दोनों को जमानत दी है। घोष अभी वित्तीय मामले को लेकर जेल में हैं, जबकि मंडल बाहर हैं।