वायनाड भूस्खलन में मरने वालों का आंकड़ा 256 हुआ, 200 से ज्यादा अभी भी लापता
क्या है खबर?
केरल के वायनाड में तेज बारिश के बाद हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 256 हो गई है। अभी भी 130 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 240 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं।
लापता लोगों के जीवित बचने की उम्मीद न के बराबर जताई जा रही है, क्योंकि घटना को आज 3 दिन हो गए हैं। बारिश की वजह से बचाव अभियान में खासी परेशानियां आ रही हैं।
बचाव कार्य
1,592 लोगों को बचाया गया
31 जुलाई की देर रात तक 1,592 लोगों को बचाया गया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि जब तक आखिरी संभावित जीवित व्यक्ति को बचा नहीं लिया जाता, तब तक प्रयास जारी रहेंगे।
दूसरी ओर, रुक-रुक कर हो रही बारिश ने बचाव अभियान में चुनौतियां बढ़ा दी हैं। सेना रातभर बेली पुल बनाने का काम करती रहे, लेकिन पूरा नहीं हो पाया है। आज पुल पर आवागमन चालू होने की उम्मीद है।
बयान
फंसे हुए सभी लोगों को बचाया गया- जनरल मैथ्यू
बचाव अभियान पर मेजर जनरल मैथ्यू ने कहा, "हम 30 जुलाई की सुबह से केरल सरकार और वायनाड के लोगों की मदद के लिए यहां हैं। अब तक 100 से अधिक शव बरामद किए हैं। कुल शवों की संख्या कहीं अधिक है। आज ऑपरेशन का तीसरा दिन है। फंसे हुए सभी लोगों को बचा लिया गया है। अब हमें यह देखना है कि घर के अंदर कोई फंसा हुआ तो नहीं है। इसके लिए हमें भारी उपकरणों की जरूरत है।"
राहुल-प्रियंका
राहुल-प्रियंका आज जाएंगे वायनाड
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के साथ वायनाड जा रहे हैं। वे पीड़ितों से मुलाकात करेंगे।
बता दें कि राहुल वायनाड से पहले भी सांसद रह चुके हैं और इस बार भी यहां से चुनाव जीता है। हालांकि, अब उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी है और प्रियंका गांधी यहां से चुनाव लड़ने जा रही हैं।
वे 31 जुलाई को भी वायनाड जा रहे थे, लेकिन खराब मौसम की वजह से नहीं जा सके।
आरोप
अलर्ट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू
गृह मंत्री अमित शाह ने 31 जुलाई को संसद में कहा था कि 23-24 जुलाई को ही केरल सरकार को अलर्ट किया गया था और अगर सरकार समय रहते लोगों को हटा लेती तो इतना नुकसान नहीं होता।
इस पर केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, "जब ऐसा कुछ होता है, तो आप दूसरों पर दोष मढ़कर जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने त्रासदी से पहले एक बार भी रेड अलर्ट जारी नहीं किया।"
भूस्खलन
4 घंटे के भीतर हुए थे 3 भूस्खलन
29 जुलाई की रात 1 से 4 बजे के बीच वायनाड के चूरालमाला और मुंडाक्कई जैसे इलाकों में 3 बार भूस्खलन हुआ। इससे भारी तबाही मच गई और सैकड़ों लोग बह गए। पहले 11 लोगों के मरने की खबर मिली, लेकिन जैसे-जैसे बचाव कार्य बढ़ता गया, मृतकों की संख्या भी बढ़ती गई।
घटनास्थल से कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें टूटे हुए घरों और कई फीट के कीचड़ में तबाही का नजारा देखा जा सकता है।