जॉर्डन में मारा गया भारतीय युवक ऐसे हुआ नौकरी घोटाले का शिकार, सामने आई कहानी
क्या है खबर?
10 फरवरी को केरल के रहने वाली 47 वर्षीय थॉमस गेब्रियल परेरा को जॉर्डन-इजरायल सीमा पर गोली मार दी गई थी।
उन्हें जॉर्डन के सुरक्षाबलों ने मार गिराया था, जब वे अवैध रूप से इजरायल में घुसने की कोशिश कर रहे थे।
अब इस मामले में खुलासा हुआ है कि परेरा एक नौकरी घोटाले का शिकार हुए थे। उन्हें उच्च वेतन वाली नौकरी का झांसा देकर जॉर्डन भेजा गया था।
नौकरी
एजेंट ने 3.50 लाख वेतन का किया था वादा
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, थॉमस और उनके परिचित एडिसन चार्ल्स को एक एजेंट ने जॉर्डन में नौकरी का झांसा दिया था। एजेंट ने उनसे कहा था कि उन्हें जॉर्डन में 3.50 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन वाली नौकरी दी जाएगी।
दोनों ने भारत छोड़ने से पहले एक एजेंट को 2.10 लाख रुपये भी दिए थे। टूरिस्ट वीजा पर जॉर्डन पहुंचने के बाद इसी एजेंट को 52,289 रुपये और दिए गए।
इजरायल
एजेंट ने कहा था- इजरायल जाओ, वहां नौकरी के बहुत मौके
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों फरवरी की शुरुआत में जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचे थे। वहां पहुंचकर एजेंट ने उन्हें बताया कि कोई नौकरी नहीं है।
इसके बाद दोनों को एजेंट ने ही सुझाव दिया कि इजरायल में नौकरी के बहुत अवसर हैं और वे अवैध रूप से इजरायल में घुसने की कोशिश करें।
10 फरवरी को जब दोनों ने इजरायल में घुसने की कोशिश की तो जॉर्डन के सैनिकों ने उन्हें गोली मार दी।
घटना
घटना वाली रात क्या हुआ था?
थॉमस और चार्ल्स ने 10 फरवरी को इजरायल की यात्रा शुरू की थी।
चार्ल्स ने BBC से कहा, "हमें एक कार में ले जाया गया। हम दोपहर 2 बजे कार में बैठे और आधी रात को एक स्थान पर पहुंचे। फिर हमें समुद्र किनारे कई किलोमीटर तक चलने को मजबूर किया गया। मैं अंधेरे में दूसरों के पीछे धीरे-धीरे चल रहा था, तभी गोली लगी और बेहोश हो गया। मुझे कुछ पता नहीं था कि थॉमस के साथ क्या हुआ।''
केरल
केरल में रिक्शा चलाते थे थॉमस
थॉमस केरल में रिक्शा चलता थे। उनके परिवार ने बताया कि 5 फरवरी को वह घर से निकले थे, लेकिन जॉर्डन जाने की बात नहीं बताई थी। थॉमस ने परिजनों से कहा था कि वे तमिलनाडु में एक ईसाई धार्मिक स्थल जा रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, थॉमस और चार्ल्स के अलावा 2 लोग और थे, जिन्हें एजेंट ने जॉर्डन भेजा था। घायल चार्ल्स भारत आ गए हैं और थॉमस के शव को लाने की प्रक्रिया जारी है।