
यमन से रिहा की जाएंगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, ईसाई धर्म प्रचारक केए पॉल का दावा
क्या है खबर?
यमन में मौत की सजा का इंतजार कर रहीं केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया (38) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और प्रचारक डॉक्टर केए पॉल ने मंगलवार रात को सना शहर से एक वीडियो संदेश में दावा किया कि निमिषा की मौत की सजा रद्द कर दी गई है और वह जल्द रिहा हो जाएंगी। पॉल ने इसके लिए यमनी और भारतीय नेताओं के व्यापक प्रयासों का नतीजा बताया है।
रिहाई
पॉल ने क्या कहा?
निमिषा के केस में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे डॉ पॉल ने कहा, "मैं उन सभी नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं जो निमिषा प्रिया की मौत को रद्द करने की इस बड़ी सफलता में शामिल हैं। भगवान की कृपा से, उसे रिहा कर दिया जाएगा और भारत ले जाया जाएगा। मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को अपने राजनयिकों को भेजने की तैयारी के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और निमिषा को पेशेवर रूप से सुरक्षित लाना चाहता हूं।"
संपर्क
लगातार संपर्क में था विदेश मंत्रालय
पॉल ने कहा कि वे सना जेल से ओमान, जेद्दा, मिस्र, ईरान या तुर्की तक उसकी सुरक्षित वापसी के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर रसद व्यवस्था कर सकते हैं। पिछले हफ्ते अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि भारत यमन में स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है और हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है। सरकार ने यमन में कानूनी मदद के लिए एक वकील भी नियुक्त किया था।
ट्विटर पोस्ट
डॉ केए पॉल ने जानकारी दी
BIG BREAKING NEWS. Indian Nurse Nimisha Priya from Sanaa , Yemen Prison will be released . English & Telugu . pic.twitter.com/oAbX5LABly
— Dr KA Paul (@KAPaulOfficial) July 21, 2025
पहचान
कौन हैं निमिषा प्रिया?
निमिषा केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं। उनकी मां प्रेमा कुमारी कोच्चि में घरेलू कामगार हैं। नर्स की पढ़ाई करने के बाद निमिषा 2011 में यमन चली गई थीं और यहां 5 साल तक अस्पतालों में काम किया। 2014 में उनकी मुलाकात यमन नागरिक तलाल अब्दो मेहदी से हुई, जिसके बाद 2015 में उन्होंने मिलकर सना में एक क्लीनिक खोला। यमनी कानून के अनुसार, व्यवसाय शुरू करने के लिए स्थानीय व्यक्ति के साथ साझेदारी अनिवार्य है।
हत्या
यमन में क्यों दी जा रही थी निमिषा को फांसी?
साथ काम करने के दौरान मेहदी ने निमिषा को तंग करना शुरू कर दिया। उसने आर्थिक, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न दिया और उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया। इससे तंग आकर निमिषा ने उसे 2016 में बेहोशी का ओवरडोज इंजेक्शन दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसने एक साथी के साथ मिलकर उसके टुकड़े कर दिए। निमिषा 2017 से जेल में हैं। उसे 16 जुलाई को फांसी होनी थी, लेकिन यमन कोर्ट ने फांसी कुछ दिन टाल दी थी।