कर्नाटक: वन विभाग की लापरवाही, बुजुर्ग हाथी को जंगली हाथी से भिड़ाया; मौत, स्मारक बनेगा
क्या है खबर?
कर्नाटक के मैसूर में दशहरे की शान रहे 64 वर्षीय बुजुर्ग हाथी 'अर्जुन' की मौत के बाद वन विभाग के अभियान पर सवाल उठने लगने हैं।
अर्जुन को सोमवार को जंगली हाथी को पकड़ने के लिए अभियान में शामिल किया गया था। इस दौरान जंगली हाथी से उसकी भिड़ंत हो गई और पेट में दांत लगने से उसने दम तोड़ दिया।
अर्जुन की मौत के बाद सोशल मीडिया पर "अर्जुन के लिए न्याय" अभियान चल रहा है।
भिड़ंत
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को चिकमंगलुरू जिले से एक जंगली हाथी बेंगलुरु में आ गया, जिसे पकड़ने के लिए वन विभाग ने आसपास के इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया।
इसी दौरान हासन में सकलेशपुरा तालुका के येसालुरु में जंगली हाथी से अर्जुन की भिड़ंत हो गई। दोनों लड़ाई में बुरी तरह मस्त हो गए, जिससे अधिकारियों को जान बचाकर भागना पड़ा।
तभी जंगली हाथी का दांत अर्जुन के पेट में लग गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
लापरवाही
गोली लगने की बात भी आ रही सामने
अर्जुन के महावत वीनू ने बताया कि लड़ाई के दौरान अर्जुन के पैर में गलती से गोली लगी, जिससे उसकी मौत हुई। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई।
गोली लगने की खबर से लोग विभाग पर गुस्सा हैं। उनका बुजुर्ग हाथी को अभियान में शामिल करने पर भी नाराजगी जताई।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अर्जुन की मौत पर रिपोर्ट मांगी है और सकलेशपुर में अर्जुन स्मारक बनाने का ऐलान किया।
जानकारी
दशहरे में 750 किलो का हौदा लादकर चलता था अर्जुन
अर्जुन को कर्नाटक के काकनाकोटे जंगल से 1968 में पकड़ा गया था। इसके बाद ट्रेनिंग देकर उसे मैसूर दशहरे में मार्च करना सिखाया गया। अर्जुन 2012-2019 में 750 किलोग्राम का स्वर्ण हौदा लादकर मैसूर दशहरे में शान से चला। वह 2020 में सेवानिवृत्त हुआ।