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कर्नाटक हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के खिलाफ एक्स की याचिका खारिज की, कहा- विनियमन जरूरी
कर्नाटक हाई कोर्ट से एलन मस्क की एक्स को लगा झटका

कर्नाटक हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के खिलाफ एक्स की याचिका खारिज की, कहा- विनियमन जरूरी

लेखन गजेंद्र
Sep 24, 2025
05:51 pm

क्या है खबर?

कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क के सोशल मीडिया मंच एक्स की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार के अधिकार को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कहा सोशल मीडिया मंच को विनियमित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि कि स्वतंत्रता के नाम पर अनियंत्रित अभिव्यक्ति अराजकता का कारण बन सकती है। एक्स ने भारत सरकार के 'सहयोग' पोर्टल को कोर्ट में चुनौती दी थी।

सुनवाई

एक्स ने कोर्ट में क्या कहा?

एक्स ने कोर्ट में कहा कि सहयोग पोर्टल IT अधिनियम, 2000 की धारा 79(3)(बी) के तहत ब्लॉकिंग आदेश जारी करने में सक्षम बनाता है, जिससे IT अधिनियम की धारा 69ए और श्रेया सिंघल फैसले के तहत अनिवार्य प्रक्रिया को दूर किया जा रहा है। एक्स ने याचिका दायर कर कहा कि सरकार के पास किसी सामग्री को ब्लॉक करने का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है, लेकिन कोर्ट ने एक्स की चुनौती को "निराधार" बताते हुए खारिज कर दिया।

सुनवाई

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने कहा, "याचिकाकर्ता अमेरिका में नियामक व्यवस्था के अधीन है। उस क्षेत्राधिकार के 'टेक-डाउन' कानून के तहत, यह उल्लंघनों को आपराधिक बनाने वाले आदेशों का पालन करना चुनता है। वही प्लेटफॉर्म भारत में टेक-डाउन निर्देशों के पालन से इनकार करता है। यह अस्वीकार्य है।" कोर्ट ने कहा, "विचारों के आधुनिक अखाड़े में सोशल मीडिया को अराजक स्वतंत्रता की स्थिति में नहीं छोड़ सकते। महिलाओं के सम्मान की रक्षा और अपराधों को रोकने के लिए सामग्री का विनियमन आवश्यक है।"

विवाद

क्या है एक्स और 'सहयोग' पोर्टल को लेकर विवाद?

आपत्तिजनक और भ्रामक सूचनाओं को रोकने के आदेशों को लागू करने के लिए सहयोग पोर्टल 2024 में लॉन्च किया गया था। मस्क की एक्स ने इसे 'सेंसरशिप पोर्टल' कहा है और तर्क दिया है कि IT अधिनियम की धारा 79 (3) (बी) सरकार को ब्लॉकिंग आदेश जारी करने का अधिकार नहीं देती है। याचिका हाल में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर पोस्ट के बाद रेल मंत्रालय द्वारा जारी कई आदेशों के बाद दायर की गई थी।