
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य ने आरक्षण का विरोध किया, बोले- 10 साल के लिए दिया गया था
क्या है खबर?
अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस बार आरक्षण को लेकर आपत्ति जताई है।
शंकराचार्य ने एक्स पर अपना एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह एक टीवी चैनल को बयान देते नजर आ रहे हैं।
इसमें शंकराचार्य ने कहा, "78 साल हो गए, अंबेडकर के संविधान की बात की जाती है। 78 साल में जो लोग अंबेडकर के पीछे थे, उनका कितना उन्नयन हुआ है। ये बताइए?"
बयान
आगे क्या बोले शंकराचार्य?
शंकराचार्य ने आगे कहा, "10 साल के लिए आरक्षण दिया गया था, आज 78 साल हो गए, वो आरक्षण आज भी जारी है। उसके लिए ये लोग जूझ रहे हैं कि इसे न खत्म किया जाए। आरक्षण इसलिए नहीं दिया गया था कि आप जिंदगी भर पंगु होकर आरक्षण की बैसाखी पर खड़े रहें। आरक्षण अंबेडकर साहब ने इसलिए दिया था कि उसका लाभ लेकर आप समाज की मुख्य धारा में आ जाए। आप कहां आ पाए?"
बयान
अंबेडकर ने जिंदगी भर के लिए आरक्षण नहीं दिया- शंकराचार्य
शंकराचार्य ने आगे कहा, "जो लोग अंबेडकर का नाम लेते हैं, हम उन्हीं से पूछना चाहते हैं कि उन्होंने अंडेबकर की भावना का कितना ख्याल रखा। उन्होंने चाहा था, अंबेडकर ने ये नहीं चाहा था कि जिंदगी भर, अगले 200 साल हजार साल तक ये लोग आरक्षण खाते रहे। उन्होंने ये चाहा था कि आरक्षण की बैसाखी को लेकर चलें और मुख्य धारा में शामिल हो जाएं। 78 साल बाद भी मुख्य धारा में शामिल नहीं हो पा रहे हो।"
आपत्ति
अंबेडकर फेल हो गए- शंकराचार्य
शंकराचार्य ने कहा, "इसका मतलब है कि या तो अंबेडकर फेल हो गए या अंबेडकरवादी फेल हो गए। इसलिए इसमें मत जाइए। आपकी जो समस्याएं हैं, अगर आपको शिक्षा नहीं मिल रही तो शिक्षा की मांग कीजिए, स्वास्थ्य की मांग कीजिए, अगर मुख्य धारा में नहीं लाया जा रहा है, अपमान हो रहा है तो आवाज उठाइए, लेकिन अंबेडकर के मान और सम्मान में आप ठोल पीटते रहेंगे और राजनीतिज्ञों को जो करना है, वो कर रहे हैं।"
ट्विटर पोस्ट
शंकराचार्य ने दिया बयान
10 साल के लिए आरक्षण दिया गया।
— 1008.Guru (@jyotirmathah) December 23, 2024
78 साल बाद भी लोग जूझ रहे हैं#ज्योतिर्मठशंकराचार्य #आरक्षण pic.twitter.com/nYgsrYRJHq
विवाद
अंबेडकर को लेकर छिड़े विवाद के बीच आया बयान
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान लागू होने की 75वीं वर्षगांठ पर भाषण देते हुए अंबेडकर पर टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा था, "अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।"
इस टिप्पणी पर संसद से सड़क तक कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने भाजपा और शाह को घेरा और इस्तीफे की मांग की थी।