जामिया की वाइस चांसलर बोलीं- बिना इजाजत कैंपस में आई पुलिस, FIR करवाएंगे
क्या है खबर?
पिछले महीने दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के मामले में छात्रों ने सोमवार को दिल्ली पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की मांग को लेकर वाइस चांसलर नजमा अख्तर के कार्यालय का घेराव किया।
इसके बाद छात्रों को संबोधित करते हुए अख्तर ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने बिना अनुमति के परिसर में प्रवेश किया था, जिसके लिए पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होगी।
मांग
ये रही छात्रों की मांगे
जामिया कैंपस में पिछले महीने हुई हिंसा के मामले में पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज न होने से गुस्साए छात्र मुख्य गेट का ताला तोड़कर वाइस चांसलर कार्यालय परिसर में घुस गए। उन्होंने वहां जाकर वाइस चांसलर के खिलाफ नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए।
छात्रों की मांग थी कि यूनिवर्सिटी प्रशासन परीक्षाओं को फिर से कराए और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
छात्र पूछ रहे हैं कि पुलिस के खिलाफ अब तक मामला क्यों नहीं दर्ज करवाया गया।
बयान
FIR दर्ज नहीं हुई तो कोर्ट जाएंगे- अख्तर
छात्रों का प्रदर्शन देखते हुए नजमा अख्तर ने छात्रों के बीच आकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी की ओर से पुलिस के खिलाफ FIR दी जा चुकी है, लेकिन पुलिस इसे रिसीव नहीं कर रही।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस पर FIR होकर रहेगी। यदि ऐसा नहीं हुआ तो वो कोर्ट जाएंगे। मंगलवार से FIR दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
वहीं कुछ छात्र आज ही FIR दर्ज कराने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं।
जानकारी
सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी दोगुनी- अख्तर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अख्तर ने कहा जामिया प्रशासन अपने छात्रों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सुरक्षा व्यवस्था दोगुनी की जाएगी। छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज नहीं हुई है। पुलिस ने यूनिवर्सिटी के छात्रों की पिटाई की थी।
समर्थन
घटना के बाद छात्रों के समर्थन में आई थीं अख्तर
पिछले महीने यूनिवर्सिटी में हुई पुलिस की बर्बरता के बाद अख्तर ने वीडियो जारी कर छात्रों के प्रति समर्थन जताया था।
उन्होंने कहा, "मेरे छात्रों साथ हुई बर्बरता की तस्वीरें देखकर मैं बहुत दुखी हूं। पुलिस का कैंपस में बिना इजाज़त आना और लाइब्रेरी में घुसकर बेगुनाह बच्चों को मारना स्वीकार नहीं किया जा सकता। मैं बच्चों से कहना चाहता हूं कि आप इस मुश्किल घड़ी में अकेले नहीं हैं। मैं आपके साथ हूं। पूरी यूनिवर्सिटी आपके साथ खड़ी है।"
मामला
क्या है पूरा मामला?
पिछले महीने की 15 तारीख को जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
इसी दौरान कुछ उपद्रवी तत्वों ने बसों में आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया।
इसी दौरान पुलिस बिना इजाजत लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में घुस आई और छात्रों से मारपीट की। आरोप है कि पुलिस ने लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों पर भी लाठियां बरसाई थीं।
पुलिस की इस बर्बरता की देशभर में आलोचना हुई थी।
गिरफ्तारी
हिंसा के आरोप में हुई थी 10 गिरफ्तारियां
पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए फायरिग भी की थी। हालांकि, पहले पुलिस ने फायरिंग की बात से इनकार किया था।
वहीं पुलिस ने हिंसा के संबंध में कुछ छात्रों को भी हिरासत में लिया था। इसके विरोध में पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन हुआ था, जिसके बाद इन छात्रों को रिहा किया गया।
बाद में हिंसा फैलाने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो सभी यूनिवर्सिटी के बाहर के थे।