जम्मू-कश्मीर के 2 सरकारी शिक्षक बर्खास्त, लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने और धन जुटाने का आरोप
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादी संगठनों से कथित संबंधों और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते 2 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। कर्मचारियों की पहचान गुलाम हुसैन और माजिद इकबाल डार के रूप में हुई है, जो शिक्षा विभाग में शिक्षक हैं। उनकी सेवाएं संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत समाप्त कर दी गईं। यह कानून राज्य की सुरक्षा के लिए सरकार को बिना जांच किसी कर्मचारी को हटाने का अधिकार देता है।
बर्खास्त
लश्कर-ए-तैयबा के लिए कर रहे थे काम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिक्षक गुलाम हुसैन प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम करते थे। उनके ऊपर आतंकवादियों के साथ संबंध बनाए रखने और रियासी जिले में भर्ती और फंडिंग में मदद करने का आरोप है। पूर्व लैब सहायक और शिक्षक माजिद इकबाल डार नार्को-आतंकवाद, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और नशीली दवाओं के पैसे से आतंकवाद की फंडिंग में शामिल थे। उनका राजौरी में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) साजिशों से संबंध था।
सख्ती
अब तक 80 से अधिक कर्मचारी बर्खास्त
उपराज्यपाल सिन्हा ने अगस्त में 2 और जून में 3 कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया था। उनके ऊपर भी LeT और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (HM) के साथ संबंध रखने का आरोप था। आरोप था कि वे आतंकियों को हथियारों की तस्करी और रसद पहुंचाने का काम कर रहे थे। अप्रैल में भी कर्मचारी बर्खास्त हुए हैं। उपराज्यपाल ने 2020 से अब तक 80 से अधिक कर्मचारियों को आतंकियों से संबंध रखने के आरोप में बर्खास्त किया है।