
जहांगीरपुरी हिंसा: कोर्ट ने खारिज की 8 आरोपियों की जमानत याचिका, दिल्ली पुलिस को फटकार
क्या है खबर?
दिल्ली के रोहिणी स्थित कोर्ट ने जहांगीरपुरी इलाके में पिछले महीने हनुमान जयंती पर हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार आठ आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों की रिहाई गवाहों को प्रभावित कर सकती है।
इसके अलावा कोर्ट ने अवैध जुलूस को नहीं रोक पाने को लेकर दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार भी लगाते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया यह हिंसा पुलिस की विफलता को दर्शाती है।
पृष्ठभूमि
जहांगीरपुरी में क्या हुआ था?
बता दें कि जहांगीरपुरी में 9 अप्रैल यानी हनुमान जयंती की शाम निकाली गई शोभायात्रा में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इसमें आठ पुलिसकर्मियों सहित 10-12 लोग घायल हो गए थे।
हिंसा में शामिल दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उकसावे वाली कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।
बाद में पुलिस ने इस मामले में 23 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से आठ लोगों ने रोहिणी कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी।
सुनवाई
कोर्ट ने याचिका खारिज कर पुलिस को लगाई फटकार
आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया और कहा कि आरोपियों की रिहाई गवाहों को प्रभावित कर सकती है। आरोपी इलाके के नामी अपराधी हैं। ऐसे में कोई भी उनके खिलाफ गवाही देने नहीं आएगा।
इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि यह मामला पुलिस की विफलता को दर्शाता है। आखिर वहां जुलूस की अनुमति न दिए जाने के बावजूद शोभायात्रा कैसे निकल गई?
टिप्पणी
अवैध जुलूस रोकने की जगह उनके साथ चलती नजर आई पुलिस- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि पुलिस अवैध जुलूस को रोकने और भीड़ को तितर-बितर करने के जगह रास्ते में उसका साथ देते नजर आई है। ऐसा लगता है कि इस मुद्दे को वरिष्ठ अधिकारियों ने दरकिनार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि दोषी अधिकारियों पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो और पुलिस अवैध गतिविधियों को रोकने में नाकामयाब न हो। कोर्ट ने पुलिस आयुक्त से मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
गिरफ्तारी
पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया
बता दें कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने शनिवार को जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी तबरेज को गिरफ्तार कर लिया।
हिंसा के बाद आरोपी आराम से इलाके में पुलिस अधिकारियों के बीच ही घूम रहा था और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामले की गहणता से जांच के बाद अब उसे दबोच लिया गया है।
इससे पहले पुलिस ने एक अन्य मुख्य आरोपी फरीद उर्फ नीतू को 28 अप्रैल को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था।