10 महीने के अंदर दिल्ली में स्मॉग टावर नहीं लगे तो मानी जाएगी अवमानना- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली में स्मॉग टावर लगाने के लिए सरकार को 10 महीने का समय दिया है। अगर इस दौरान टावर नहीं लगते हैं तो कोर्ट इसे अवमानना मानकर कार्रवाई शुरू कर सकती है। यह आदेश अब रिटायर हो चुके जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने 31 अगस्त को दिया था। इससे पहले पर्यावरण मंत्रालय, पर्यावरण और वन विभाग और दिल्ली सरकार ने कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि वो तय समय पर काम पूरा कर लेंगे।
मामले में पहले काफी देर हो चुकी है- सुप्रीम कोर्ट
बेंच ने आदेश देते हुए कहा था कि कोर्ट में कही गई बातों का उल्लंघन करना अदालत की अवमानना मानी जाएगी। इस मामले में पहले काफी देर हो चुकी है। गौरतलब है कि दिल्ली में कई सालों से प्रदूषण की समस्या विकट बनी हुई है।
जनवरी में दी गई थी टावर लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी
दरअसल, दिल्ली में हर साल दिवाली के आसपास हवा में छाने वाले स्मॉग को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया था। इस समिति ने दिल्ली की स्थिति का अध्ययन करने के बाद स्मॉग टावर लगाने का सुझाव दिया था। ये सुझाव मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए स्मॉग टावर लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
शुरुआत में दो जगह टावर लगाने के दिए गए थे आदेश
13 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तीन महीनों के भीतर दिल्ली के कनॉट प्लेस और आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाने का आदेश दिया था। 28 फरवरी एक और आदेश में एजेंसी को काम शुरू करने और इसकी जानकारी एक हफ्ते में कोर्ट को देने को कहा गया था। इसके बावजूद इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। इसके बाद एजेंसी ने अपना पक्ष रखा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया।
10 महीने के भीतर पूरा होने चाहिए प्रोजेक्ट- सुप्रीम कोर्ट
अब इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पहले काम पूरा नहीं होने पर कार्रवाई नहीं की गई थी। अब इस मामले में नई अंडरटेकिंग कोर्ट के सामने आई है, जिसके तहत यह प्रोजेक्ट 10 महीनों के भीतर पूरा होना चाहिए।
सबंधित एजेंसियों को सरकार की तरफ से भेजे गए पैसे
कोर्ट ने सरकार की उस बात को भी रिकॉर्ड पर लिया है कि प्रोजेक्ट के लिए अपेक्षित पैसा टाटा कंस्लटेन्सी को भेज दिया गया है। इसी कंपनी को टावर लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन इन टावरों का निर्माण करेगा। पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि प्रोजेक्ट में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के क्लीन एयर केयर को भी 52 लाख रुपये भेज दिए गए हैं।
सालों बाद दिल्ली में सोमवार रहा सबसे साफ दिन
राजधानी दिल्ली के लोगों को कई सालों से साफ हवा नसीब नहीं हो रही थी। दिवाली के आसपास के दिनों में यह समस्या इतनी भयानक हो जाती है कि घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। बीते कई सालों से हर साल यही हाल रहता है। हालांकि, लॉकडाउन के बाद हालात थोड़े बदले हैं। दिल्ली में हाल ही में हुई बारिश के कारण बीता सोमवार दिल्ली के लिए साफ हवा के लिहाज से सबसे साफ दिन साबित हुआ।