इंडिगो संकट: 7 दिन में रद्द हुई 4,500 से अधिक उड़ानें, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
क्या है खबर?
सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो अपने सबसे बुरे परिचालन संकट से जूझ रही है। यही कारण है कि पिछले हफ्ते मंगलवार से अब तक 4,500 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। सोमवार को लगातार 7वें दिन भी व्यवधान जारी रहा और 450 से अधिक उड़ाने रद्द हुईं। सरकार के तत्काल हस्तक्षेप और एयरलाइंस द्वारा यात्रियों को राहत देने के व्यापक उपायों के बावजूद स्थिति सामान्य नहीं हो रही है। आइए अब तक की स्थिति पर नजर डालते हैं।
उड़ान
इस तरह से प्रभावित हुई इंडिगो की उड़ानें
इंडिगो ने परिचालन संकट के तहत 2 दिसंबर को पहले दिन 150 से अधिक उड़ाने रद्द की थी। उसके बाद 3 दिसंबर को इनकी संख्या बढ़कर 200 हुई और समय पर प्रदर्शन घटकर 19.7 प्रतिशत रह गया। कंपनी ने 4 दिसंबर को 300 और 5 दिसंबर को सबसे अधिक 1,600 उड़ानें रद्द की। इससे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व्यवधान पैदा हो गया। 6 दिसंबर को कंपनी 850, 7 दिसंबर को 650 और आज 450 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी है।
हवाई अड्डे
इन हवाई अड्डों पर सबसे बुरी हालत
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता के हवाई अड्डों पर इंडिगों की उड़ानों के परिचालन में सबसे अधिक गिरावट देखी जा रही है। सोमवार को बेंगलुरु के 65 आगमन और 62 प्रस्थान वाली उड़ानें रद्द हुईं। इसी तरह दिल्ली से 134 और चेन्नई हवाई अड्डे से 77 उड़ानों को रद्द करने की घोषणा की जा चुकी है। रद्द उड़ानों के कारण टर्मिनल रात तक भरे रहे। दिल्ली के टर्मिनल 1 पर आगमन क्षेत्र में लावारिस सामानों की कतारें लगी रहीं।
कारण
क्या है इंडिगो संकट की वजह?
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पायलटों और चालक दल की ड्यूटी से जुड़े नियमों का दूसरा चरण 1 नवंबर से लागू किया था। इनमें पायलटों और चालक दल को 7 दिन काम के बाद 48 घंटे आराम, नाइट ड्यूटी का समय, 6 की बजाय केवल 2 नाइट लैंडिंग, लगातार 2 से ज्यादा नाइट ड्यूटी पर रोक और लंबी उड़ानों के बाद 24 घंटे का आराम जैसे नियम शामिल थे। इससे इंडिगो के पास पायलट-चालक दल की कमी हो गई।
जानकारी
इंडिगो पर लापरवाही बरतने का आरोप
पायलट संगठनों का कहना है उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) को लागू करने के लिए 2 साल का समय मिलने के बाद भी इंडिगो ने स्टाफिंग के मामले में गलत आकलन किया और भर्ती में देरी करते हुए खुद को जानबूझकर परेशानी में डाल दिया।
सख्ती
जवाबदेही के सवाल उठने पर DGCA ने उठाया कदम
मामले में जवाबदेही के सवाल उठने के बाद DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर इसिड्रो पोरक्वेरस को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नोटिस में CEO एल्बर्स को एयरलाइन के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है और उन पर समय पर व्यवस्था सुनिश्चित कर यात्रियों को अपेक्षित सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल होने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, एल्बर्स ने जवाब के लिए एक दिन अतिरिक्त मांगा है।
किराया
500 किलोमीटर दूरी तक 7,500 रुपये किराया निर्धारित
इंडिगो संकट के बीच अन्य एयरलाइंस द्वारा ज्यादा किराया वसूले जाने की कई खबरें सामने आई हैं। इसके बाद सरकार ने दूरी के हिसाब से किराया निर्धारित कर दिया है। अब 500 किलोमीटर तक हवाई सफर में 7,500 रुपए किराया लगेगा। वहीं 500 से 1000 किलोमीटर तक अधिकतम 12,000, 1,000 से 1,500 किलोमीटर तक अधिकतम 15,000 और 1,500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर अधिकतम 18,000 रुपये तक किराया वसूल किया जा सकेगा।
जानकारी
DGCA ने नियमों में भी दी छूट
इस संकट को कम करने के लिए DGCA ने उस सख्त प्रावधान को भी वापस ले लिया, जिसमें पायलटों को हर हफ्ते साप्ताहिक छुट्टी के अलावा 48 घंटे का आराम देना जरूरी किया था। पहले ये 36 घंटे और साप्ताहिक छुट्टी का था।
प्रयास
इंडिगो ने यात्रियों की राहत के लिए क्या कदम उठाए
DGCA द्वारा तत्काल रिफंड और सामान पहुंचाने के निर्देश के बाद इंडिगो ने रविवार शाम तक यात्रियों को 610 करोड़ रुपये का रिफंड कर दिया है। इसी तरह यात्रियों से अलग हुए उनके 3,000 बैग्स को भी उनके घर पहुंचा दिया। इसी तरह 5-15 दिसंबर की यात्रा के लिए रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण पर पूर्ण छूट, यात्रियों के ठहरने के लिए विभिन्न शहरों में हजारों होटल कमरे बुक किए हैं और टर्मिनलों में खाद्य सहायता भी मुहैया कराई जा रही है।
सवाल
कब तक सामान्य होगा इंडिगो का परिचालन?
इंडिगो ने कहा है कि एयरलाइन ने अपने स्थिरीकरण के दृष्टिकोण को भी संशोधित किया है। ऐसे में सामान्य परिचालन 10 दिसंबर तक बहाल हो जाएगा, जो कि पहले बताई गई 10-15 दिसंबर की समय-सीमा से पहले है। कंपनी ने कहा, "हम अपने नेटवर्क में और अधिक महत्वपूर्ण और निरंतर सुधार स्थापित कर रहे हैं। आज कम रद्दीकरण और बेहतर समय पर प्रदर्शन के साथ इस दिशा में तेजी से अगले कदम उठाए जा रहे हैं।"