नौसेना को जल्द मिलेगी भारत में बनी तीसरी परमाणु पनडुब्बी INS अरिदमन, चल रहा अंतिम परीक्षण
क्या है खबर?
भारतीय नौसेना को जल्द ही स्वदेश निर्मित परमाणु ऊर्जा से चलने वाली तीसरी पनडुब्बी INS अरिदमन मिल जाएगी। यह जानकारी नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने दी है। नौसेना दिवस से पहले वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि यह उन्नत पनडुब्बी अपने परीक्षणों के अंतिम चरण में पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि हाल में नौसेना में INS वाघशीर को 15 जनवरी को तीन-जहाजों के कमीशनिंग समारोह के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा कमीशन किया गया था।
तैयारी
महिला पनडुब्बी चालक भी होंगी शामिल
केरल के तिरुवनन्तपुरम में होने वाले नौसेना के वार्षिक समारोह से पहले एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि जल्द ही पनडुब्बी चालकों के रूप में महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा, जिसके प्रयास जारी हैं। इसे नौसेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका में महत्वपूर्ण माना जाएगा। बता दें कि पिछले नौसेना दिवस के बाद से 12 युद्धपोतों को कमीशन किया है, जिनमें INS उदय गिरि भी शामिल है, जो नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा विकसित 100वां स्वदेशी युद्धपोत है।
खासियत
अरिहंत की तिकड़ी मजबूत करेगी अरिदमन
INS अरिदमन, INS अरिहंत और INS अरिघात के साथ मिलकर अरिहंत श्रेणी की तिकड़ी को मजबूत करेगा, जो परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां (SSBN) हैं। इस श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी INS अरिघात को पिछले साल अगस्त में विशाखापत्तनम में कमीशन किया गया था। अरिहंत को 2009 में कमीशन किया गया था। परमाणु ऊर्जा से चलने वाली ये पनडुब्बियां 4 महीने से अधिक समय तक पानी के अंदर रह सकती हैं। इससे परमाणु मिसाइल दागी जा सकती हैं।