लेफ्टिनेंट जनरल का बड़ा दावा, बोले- पाकिस्तान के सेवानिवृत्त सैनिक आतंकी बनकर कश्मीर आ रहे
क्या है खबर?
भारतीय सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान से कश्मीर में घुसपैठ कर रहे आतंकियों को लेकर एक बड़ा दावा किया है।
उन्होंने कहा कि घुसपैठ करने वाले कुछ आतंकवादी सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैनिक हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में स्थानीय स्तर पर आतंकी भर्ती नहीं कर पा रहा है, ऐसे में वह अपने सेवानिवृत्त सैनिकों के जरिए दहशत फैलाना चाहता है।
उनके अनुसार, सेना की प्राथमिकता इन विदेशी आतंकियों को खत्म करने की है।
बयान
लेफ्टिनेंट जनरल ने क्या कहा?
राजौरी मुठभेड़ में शहीद सैनिकों को अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि पुंछ में आतंकियों के छिपे होने की अधिक संभावनी रहती है और पिछले साल यहां 10 नागरिकों की जान गई थी।
उन्होंने कहा, "हमें स्थानीय सूत्रों से आतंकी ठिकानों की जानकारी मिली। वे डांगरी हमले में भी शामिल थे। नियंत्रण रेखा के पार से आए कुछ आतंकवादियों की पहचान सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैनिकों के रूप में की गई है।"
प्रशिक्षण
"आतंकियों के साथ साहस से लड़े हमारे जवान"
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, "इन आतंकियों ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान समेत कई देशों में प्रशिक्षण प्राप्त किया होगा, जिस वजह से इनके खात्मे में समय लगा। हमारे लड़के साहस से लड़े।"
उन्होंने कहा, "संजय बिष्ट ने उन्हें 7 दिनों के भीतर खत्म करने का वादा किया था और कैप्टन एमवी प्रांजल के पिता द्वारा दिया गया बयान (कैसे परिवार उनका इंतजार कर रहा था, लेकिन उन्हें उनका पार्थिव शरीर प्राप्त हुआ) हमारे सैनिकों को प्रेरित करेगा।"
ऑपरेशन क्लीन
अभी भी सक्रिय हो सकते हैं 20-25 आतंकी
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, "इलाके में अभी भी 20-25 आतंकवादी सक्रिय हो सकते हैं और स्थानीय लोगों की मदद ली जा रही है।"
उन्होंने कहा कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी डांगरी, कंडी और राजौरी में निर्दोष नागरिकों की हत्या में शामिल थे और उनका खात्मा ऑपरेशन में शामिल संयुक्त बल टीम के लिए प्राथमिकता थी।
बता दें कि सेना आतंकियों के खिलाफ 'ऑपरेशन क्लीन' चला रही है और इस साल 27 जवान शहीद हो चुके हैं।
मौत
जंगलों की गुफाओं को अपना अड्डा बना रहे हैं आतंकी
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि घाटी के पहाड़ों और जंगली इलाकों में आतंकियों ने गुफाओं को अपना ठिकाना बना रखा है।
ड्रोन के जरिए भी बीहड़ और जंगल में आतंकियों का पता लगाना आसान नहीं है। यहीं से छिपकर आतंकी जवानों पर हमला करते हैं।
सेना का दावा है कि पीर पंजाल के जंगलों में काफी पुरानी गुफाएं हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी करते हैं। गुप्तचर आतंकियों के पास सामान पहुंचा रहे हैं।
बम एक्सपर्ट
राजौरी मुठभेड़ में मारा गया लश्कर का शीर्ष कमांडर
गुरुवार को सेना ने कहा कि राजौरी मुठभेड़ में उसे अपने 5 जवानों को खोना पड़ा, लेकिन लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष कमांडर और प्रशिक्षित स्नाइपर क्वारी समेत 2 खूंखार आतंकवादियों को भी ढेर किया गया है।
क्वारी की लश्कर के शीर्ष आतंकियों में गिनती होती थी।
सेना ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से बड़ी मात्रा में युद्ध जैसा भंडार बरामद हुआ है। कहा जा रहा है कि क्वारी ने कई हमलों को अंजाम दिया था।
श्रद्धांजलि
आज शहीद जवानों को दी गई अंतिम विदाई
बता दें कि आज आतंकियों के साथ मुठभेड़ में जान गंवाने वाले सेना के जवानों के लिए एक शोकपूर्ण पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया था।
शहीद हुए 4 जवानों, कैप्टन एम वी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, लांस नायक संजय बिष्ट और पैराट्रूपर सचिन लौर, के पार्थिव शरीर जम्मू लाए गए। यहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी।
पुंछ के रहने वाले हवलदार अब्दुल माजिद को भी आज सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी।