
भारत ने उठाया बड़ा कदम, काबुल में अपने तकनीकी मिशन को पूर्ण दूतावास में बदला
क्या है खबर?
भारत ने काबुल में अपने तकनीकी मिशन का दर्जा दोबारा बहाल कर उसे पूर्ण दूतावास के रूप में बदल दिया है। यह निर्णय अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की हाल की भारत यात्रा के दौरान घोषित निर्णय के अनुरूप लिया गया है। इस कदम को अफगानिस्तान के साथ नए सिरे से राजनयिक जुड़ाव का बड़ा संकेत माना जा रहा है। इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर सरकार की मंशा स्पष्ट की है।
बयान
विदेश मंत्रालय ने बयान में क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की हाल की भारत यात्रा के दौरान घोषित निर्णय के अनुरूप, सरकार तत्काल प्रभाव से काबुल में भारत के तकनीकी मिशन का दर्जा अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के समान बहाल कर रही है। यह निर्णय आपसी हितों के सभी क्षेत्रों में अफगान पक्ष के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के भारत के संकल्प को रेखांकित करता है।"
उद्देश्य
क्या है काबुल में दूतावास शुरू करने का उद्देश्य?
विदेश मंत्रालय ने कहा, "काबुल स्थित भारतीय दूतावास अफगान समाज की प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, अफगानिस्तान के व्यापक विकास, मानवीय सहायता और क्षमता निर्माण पहलों में भारत के योगदान को और अधिक बढ़ाने में मदद करेगा।" बता दें कि तकनीकी मिशन का दर्जा बढ़ाने का फैसला मुत्ताकी की नई दिल्ली में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हुई बैठक के दौरान लिया गया था।
बयान
मुत्ताकी ने भारत के साथ संबंधों की मजबूती का दिया था बयान
विशेष रूप से मुत्ताकी ने 2022 में एक वैश्विक विशेष साक्षात्कार में न्यूज18 से कहा था, "मुझे विश्वास है कि निकट भविष्य में अफगानिस्तान और भारत के बीच संबंध और मजबूत होंगे। उनका दूतावास हमारे देश में और हमारा दूतावास उनके देश में काम करेगा। भारत और अफगानिस्तान इस क्षेत्र के पड़ोसी देश हैं और हमारे एक-दूसरे के साथ आर्थिक, राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध होने चाहिए जो दोनों के लिए फायदेमंद भी होंगे।"