
भारत में दुष्कर्म के बाद हत्या से 25 गुना अधिक हुई दहेज हत्या, जानिए आंकड़े
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में पति और ससुराल वालों द्वारा दहेज के लिए एक 28 वर्षीय महिला की जलाकर हत्या किए जाने की घटना ने पूरे देश को झकझौंर दिया है। इससे सभी का ध्यान विवाहित महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा पर आ गया है। बता दें कि देश में दुष्कर्म के बाद होने वाली हत्या की तुलना में 25 गुना अधिक दहेज हत्या होती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है।
आंकड़े
भारत में 2022 में दहेज के लिए हुई थी 6,516 हत्या
NCRB डाटा के अनुसार, भारत में 2022 में भारतीय दंड संहिता की धारा 304B के तहत दहेज के लिए 6,516 हत्याएं दर्ज की गई थीं। यह संख्या उसी साल दुष्कर्म या गैंगरेप के बाद की गई 250 महिलाओं हत्या से 25 गुना अधिक है। चौंकाने वाली बात है कि दहेज उत्पीड़न के मामलों में कुल 13,641 महिलाएं पीड़ित थी। इससे साफ है कि उस साल दहेज के लिए प्रताड़ित हर 3 में से एक महिला की हत्या कर दी गई।
न्याय
दहेज हत्या के मामले में बहुत धीमी है न्याय प्रक्रिया
डाटा के अनुसार, देश में दहेज हत्या के मामले में न्याय प्रक्रिया भी धीमी है। साल 2022 में देश में दहेज हत्या के 60,577 मामले अदालतों में लंबित थे, जिनमें से 54,416 पिछले वर्षों से चले आ रहे थे। इसी तरह 2022 में अदालतों ने सुनवाई के लिए भेजे गए 6,161 मामलों में से 3,689 मामलों में सुनवाई पूरी की, लेकिन 99 मामलों में ही आरोप सिद्ध हो पाए। यानी एक वर्ष में दोषसिद्धि की संभावना 2 प्रतिशत ही रही।
दहेज
भारत में दहेज को लेकर क्या है स्थिति?
'भारत में मानव विकास: परिवर्तनकालीन समाज के लिए चुनौतियां' (2010) पुस्तक में दिए गए भारत मानव विकास सर्वेक्षण के अनुसार, देश में दहेज की स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण है। दुल्हन के परिवार को दूल्हे की तुलना में शादियों पर 1.5 गुना अधिक खर्च करना पड़ता है। 24 प्रतिशत परिवार दहेज के रूप में टीवी, रेफ्रिजरेटर, कार या मोटरसाइकिल जैसी उपभोक्ता वस्तुएं देते हैं और 29 प्रतिशत के साथ देहज न देने पर मारपीट होना आम बात है।
हिंसा
इस तरह होती है दहेज के मामलों में हिंसा
2019-21 का राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) घरेलू हिंसा के व्यापक संदर्भ को और उजागर करता है। सर्वेक्षण के अनुसार, 18-49 आयु वर्ग की विवाहित महिलाओं में से 29 प्रतिशत ने अपने पतियों से शारीरिक या यौन हिंसा झेली। इनमें से 3.3 प्रतिशत महिलाओं को गंभीर रूप से जलाया गया, 7.3 प्रतिशत को आंखों में चोट, मोच या मामूली जलन हुई, 6.2 प्रतिशत गहरे घाव, हड्डियां या दांत टूटने से जूझी और 21.8 प्रतिशत ने अन्य शारीरिक पीड़ा झेली।
पृष्ठभूमि
क्या है नोएडा में दहेज हत्या का मामला?
21 अगस्त को निक्की (28) पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगाई गई थी। उसके बाद उसने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। उसके बाद निक्की की बहन कंचन ने पुलिस में शिकायत दी कि उनके और उसके 6 वर्षीय बेटे के सामने निक्की को उसके पति विपिन भाटी और ससुराल वालों ने ने 36 लाख रुपये के दहेज के लिए आग लगाकर मार दिया। ऐसे में पुलिस ने पति, देवर और ससुर को गिरफ्तार कर लिया है।