ICSE बोर्ड परिणाम: 10वीं में 100 प्रतिशत तो 12वीं के 99.93 प्रतिशत विद्यार्थी हुए उत्तीर्ण
क्या है खबर?
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने शनिवार को ICSE की 10वीं बोर्ड और ISE की 12वीं बोर्ड कक्षाओं का परिणाम अपनी आधिकारिक वेबसाइट cisce.org पर जारी कर दिया है।
इन परीक्षाओं के लिए पंजीकृत विद्यार्थी बोर्ड की वेबसाइट पर अपना परिणाम देख सकते हैं।
जारी परिणाम के अनुसार CISCE ने 10वीं कक्षा में सभी 100 प्रतिशत विद्यार्थियों को उत्तीर्ण किया है, जबकि 12वीं का परिणाम 99.93 प्रतिशत रहा है।
रद्द
कोरोना महामारी के कारण रद्द कर दी गई थी परीक्षा
बता दें कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण CBSE और ICSE ने अप्रैल में 10वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय किया था।
इसके बाद 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक में 12वीं की परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया था।
उसके बाद CBSE और ICSE ने 12वीं कक्षा का परिणाम 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में प्रदर्शन के आधार पर 31 जुलाई तक जारी करने का निर्णय किया था।
फार्मूला
यह निर्धारित किया गया था परिणाम का फार्मूला
ICSE ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 12वीं कक्षा का परिणाम 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में प्रदर्शन के आधार पर जारी किया जाएगा।
इसमें 10वीं और 11वीं के नंबरों का 30-30 प्रतिशत और 12वीं कक्षा में परफॉर्मेंस का 40 प्रतिशत हिस्सा लिया।
इसी तरह 31 जुलाई तक परिणम घोषित कर दिए जाएंगे। जो बच्चे परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें हालात सामान्य होने पर दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा।
परिणाम
10वीं के 100 प्रतिशत विद्यार्थी हुए उत्तीर्ण
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, ICSE की ओर से जारी परिणाम के अनुसार कक्षा 10वीं का कुल परिणाम 100 प्रतिशत रहा है। जिसमें 54.14 प्रतिशत लड़के और 45.86 प्रतिशत लड़कियां शामिल हैं।
इसी तरह कक्षा 12वीं का परिणाम 99.93 प्रतिशत रहा है। इसमें छात्र और छात्राओं का प्रतिशत 99.86 और 99.66 प्रतिशत रहा है।
हालांकि, इस साल परीक्षा आयोजित नहीं किए जाने के कारण बोर्ड में मैरिट सूची जारी नहीं की है।
आपत्ति
1 अगस्त तक आपत्ति दर्ज करा सकेंगे विद्यार्थी
ICSE की ओर से कहा गया है कि कोई भी विद्यार्थी या अभिभावक परिणाम को लेकर 1 अग्रस्त तक अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं।
इसके बाद आने वाले किसी भी आपत्ति पर गौर नहीं किया जाएगा। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि आपत्तियों का समाधान केवल अंकों की दोबारा से गणना कर ही किया जाएगा।
इसी तरह यदि कोई परीक्षार्थी परिणाम संतुष्ट नहीं होता है तो उसे स्थिति अनुकूल होने पर परीक्षा का मौका दिया जाएगा।