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भारत को USAID से अब तक कितना पैसा मिला और उसे कहां-कहां खर्च किया गया?
भारत को USAID से अब तक 1.5 लाख करोड़ रुपये मिले हैं

भारत को USAID से अब तक कितना पैसा मिला और उसे कहां-कहां खर्च किया गया?

Feb 24, 2025
05:27 pm

क्या है खबर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालने के साथ ही यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के कोष को फ्रीज कर दिया है। इसके बाद ट्रंप के USAID से भारत में मतदान के लिए 2.10 करोड़ डॉलर (लगभग 182 करोड़ रुपये) की सहायता दिए जाने के दावे ने नए विवाद को जन्म दे दिया। हालांकि, भारतीय वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट से यह दावा मेल नहीं खाता है। आइए जानते हैं भारत को USAID से कितना पैसा मिला है।

सवाल

क्या है USAID? 

USAID अमेरिका की विदेशी सहायता एजेंसी है। इसकी स्थापना 1961 में हुई थी। इसके जरिए अमेरिका दुनियाभर के कई देशों की आर्थिक मदद करता है। यह एजेंसी भारत समेत दुनिया के कई देशों में अरबों की मदद बांटती है। USAID के 100 से अधिक देशों में मिशन हैं और 60 से अधिक देशों में कार्यालय हैं, जिनमें 10,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। ये गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण, खाद्यान्न, शिक्षा और मानवीय सहायता से जुड़े कार्यक्रम चलाती है।

जानकारी

भारत पर क्या लगा है आरोप?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने USAID से भारत में मतदान के लिए 182 करोड़ रुपये की फंडिंग दिए जाने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन द्वारा भारत को फंडिंग देकर किसी और को निर्वाचित करने का प्रयास था।

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रिपोर्ट

क्या कहती है वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट?

भारतीय वित्त मंत्रालय की हालिया वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि USAID से वित्त वर्ष 2023-24 में 75 करोड़ डॉलर (लगभग 6,501 करोड़ रुपये) के बजट की 7 परियोजनाओं के लिए 9.70 करोड़ डॉलर (लगभग 841 करोड़ रुपये) की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई थी। इस राशि का उपयोग भारत में मतदान बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि कृषि, खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम, जल, सफाई, नवीकरणीय ऊर्जा, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य से संबंधित परियोजनाओं पर किया गया था।

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पैसा

भारत को USAID से अब तक कितना पैसा मिला?

विकास परियोजनाओं के लिए भारत को अमेरिका की द्विपक्षीय सहायता 1951 में शुरू हुई थी और इसे मुख्य रूप से USAID के माध्यम से प्रशासित किया जाता था। PTI के अनुसार, 1951 के बाद से अब तक भारत को USAID से विभिन्न क्षेत्रों की 555 से अधिक परियोजनाओं के लिए 17 अरब डॉलर (1.5 लाख करोड़ रुपये) से अधिक का वित्तपोषण मिला है। बड़ी बात यह है कि कुल धनराशि का 5वां हिस्सा तो पिछले 4 वर्षों में आया है।

बजट

भारत को पिछले 4 सालों में कितना पैसा मिला?

मनीकंट्रोल के अनुसार, भारत को 2020 से 2024 के बीच USAID से 65 करोड़ डॉलर (करीब 5,634 करोड़ रुपये) मिले। इसके साथ ही 2001 से भारत को मिलने वाला कुल आवंटन 2.86 अरब डॉलर (24,789 करोड़ रुपये) हो गया। इसी तरह, भारत को 2024 में 15 करोड़ डॉलर (करीब 1,300 करोड़ रुपये), 2023 में 17.57 करोड़ डॉलर (लगभग 1,523 करोड़ रुपये) और 2022 में 22.82 करोड़ डॉलर (1,978 करोड़ रुपये) की सहयाता राशि मिली थी।

सरकार

भारत को मोदी सरकार में मिली अधिक राशि

CNN-न्यूज 18 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में गैर-सरकारी संस्थानों को USAID का वित्तपोषण UPA सरकार के 211 करोड़ डॉलर (18,323 करोड़ रुपये) की तुलना में मोदी सरकार में 257 करोड़ डॉलर (22,354 करोड़ रुपये) मिला है। USAID का वित्तपोषण 2001 में 12.1 करोड़ डॉलर (1,049 करोड़ रुपये) से बढ़कर 2002 में 15.4 करोड़ डॉलर (1,335 करोड़ रुपये) हो गया। यह 2020 में 8.3 करोड़ डॉलर (719 करोड़ रुपये) से बढ़कर 2022 में 1,978 करोड़ रुपये हो गया।

प्रभाव

USAID पर रोक से भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

USAID पर रोक का सबसे ज्यादा असर भारत में स्वास्थ्य सेवा परियोजनाओं पर पड़ेगा। पिछले 4 सालों में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को देश के लिए संगठन के आवंटन का दो-तिहाई हिस्सा मिला है। साल 2023 में भारत को दी जाने वाली 17.57 करोड़ डॉलर की आर्थिक सहायता में से 69 प्रतिशत स्वास्थ्य के लिए है। इसी तरह, पर्यावरण परियोजनाओं को भी बड़ा नुकसान होगा। इन परियोजनाओं को 2023 में 90.60 लाख डॉलर का बजट मिला था।

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