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अमेरिका द्वारा H-1B वीजा शुल्क में की गई बढ़ोतरी ने भारतीयों को कैसे प्रभावित किया है?
H-1B वीजा शुल्क में की गई बढ़ोतरी ने भारतीयों को खासा प्रभावित किया है

अमेरिका द्वारा H-1B वीजा शुल्क में की गई बढ़ोतरी ने भारतीयों को कैसे प्रभावित किया है?

Sep 22, 2025
01:14 pm

क्या है खबर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा शुल्क को बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) करने के कदम ने भारतीय नागरिकों को बड़े स्तर पर प्रभावित करने के साथ उनमें दहशत भी पैदा कर दी। इस आदेश के बाद कुछ बड़ी टेक कंपनियों ने विदेशों में कार्यरत अपने कर्मचारियों को तत्काल वापस लौटने को कहा, जिसके कारण अनेक भारतीय नागरिक कर्मचारियों के पारिवारिक कार्यक्रम और अन्य योजनाएं अधर में अटक गईं। आइए भारतीयों पर पड़े असर जानते हैं।

आदेश

अमेरिकी आदेश में क्या कहा गया है?

ट्रंप द्वारा 20 सितंबर को हस्ताक्षर किए गए कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि H-1B वीजा आवेदनों के लिए अब 1 लाख डॉलर का भुगतान करना होगा। इससे टेक कंपनियों समेत भारतीय कर्मचारियों में खलबली मच गई। हालांकि, अब अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वार्षिक शुल्क केवल नए H-1B वीजा आवेदनों पर लागू होगा। मौजूदा धारकों या नवीनीकरण पर यह शुल्क लागू नहीं होगा। बता दें कि 71-72 प्रतिशत H-1B वीजा भारतीयों को प्राप्त हैं।

प्रभाव

वापसी के कारण रद्द की शादियां

अमेरिकी घोषणा के बाद कंपनियों के 21 सितंबर तक वापस लौटने के आदेश के कारण कई भारतीय H-1B धारकों ने पारिवारिक कार्यक्रमों और लंबे समय से नियोजित यात्राओं को रद्द कर दिया। रेडिट उपयोगकर्ता 'सरमच' ने कहा कि अमेरिका से बाहर फंसे भारतीय H-1B धारक असमंजस में हैं। कुछ ने अपनी निर्धारित शादी रद्द कर दी तो किसी ने सालों बाद एक सप्ताह के लिए अपनी मां से मिलने की योजना को टाल दिया। परिवारों में मायूसी है।

छुट्टियां

भारतीय H-1B धारकों की यात्रा की योजनाएं हुईं ध्वस्त

अमेरिकी सरकार का यह निर्णय नवरात्रि और दिवाली से पहले आया है। इस दौरान अधिकतर भारतीय तकनीकी पेशेवर अपने परिवारों के साथ त्यौहार मनाने के लिए घर पहुंचते हैं। कई वीजा धारकों ने PTI को बताया कि उनके और उनके परिवारों के बीच घबराहट की भावना और चिंता पैदा हो गई। लोगों ने दिवाली पर भारत आने की योजना बनाई थीं और पहले से ही टिकटें बुक कर ली थी, लेकिन अब सभी को इन्हें निरस्त करना पड़ा है।

किराया

एयरलाइंस कंपनियों ने बढ़ाया किराया

समय सीमा से पहले लौटने की होड़ के कारण एयरलाइंस कंपनियों ने भी किराए में इजाफा कर दिया। कुछ ही घंटों में दिल्ली से न्यूयॉर्क के लिए एकतरफा टिकट की कीमत 37,000 रुपये से बढ़कर लगभग 70,000-80,000 रुपये हो गई, जबकि कुछ अंतिम क्षणों में टिकटों की कीमत 3.96 लाख रुपये तक पहुंच गई। इसके बाद भी समय जोन के अंतराल के कारण भारत से रवाना हुए यात्री तय समय के बाद अमेरिका पहुंचे।

विरोध

भारतीयों ने किराया बढ़ोतरी के विरोध में छोड़ी उड़ान

एयरलाइंस कंपनियों द्वारा किराया वृद्धि की खबर फैलते ही कई भारतीय यात्री अमेरिकी हवाई अड्डों पर यात्रा के बीच में ही उतर गए। सैन फ्रांसिस्को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एमिरेट्स की एक उड़ान को कई घंटों की देरी का सामना करना पड़ा, जब कई भारतीयों ने विमान से उतरने का अनुरोध किया। इसी तरह वीजा शुल्क की बढ़ोतरी को देखते हुए भी भारत आ रहे कई यात्रियों ने यात्रा करने का फैसला किया और वह विमान से उतर गए।

भ्रम

भारतीय नागरिकों में क्या फैला था भ्रम?

सैन फ्रांसिस्को हवाई अड्डे से भारत लौट रहे एक H-1B वीजा धारक ने कहा, "यह यात्रा प्रतिबंध है! अगर किसी के पासपोर्ट पर H-1B धारक वीजा होने पर भी अगर वह यात्रा कर रहा है या छुट्टियों पर है, तो आप अमेरिका में तब तक प्रवेश नहीं कर सकते जब तक आपके पास 1 लाख डॉलर के भुगतान का प्रमाण न हो।" पूरी प्रक्रिया की जानकारी न होने के कारण भारतीयों को इसी तरह के भ्रम ने खासा परेशान किया।

असर

भारत के IT उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

इस घोषणा के बाद भारत के 28,300 करोड़ डॉलर (24.90 लाख करोड़ रुपये) के IT उद्योग को अमेरिकी परियोजनाओं में कुशल कर्मचारियों को भेजने के अपने दीर्घकालिक मॉडल पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। यह क्षेत्र अपने कुल राजस्व का लगभग 57 प्रतिशत अमेरिका से प्राप्त करता है तथा यह अमेरिकी कार्य वीजा योजनाओं तथा सॉफ्टवेयर एवं व्यावसायिक सेवाओं में आउटसोर्सिंग पर काफी हद तक निर्भर है। इससे बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।