बिहार: रेप कर रहे थे छात्र, मौके पर पहुंचे प्रधानाचार्य ने बचाने की बजाय बनाया शिकार
बिहार के कैमूर जिले में एक 14 वर्षीय लड़की के साथ रेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक स्कूल के चार छात्र लड़की को उठा कर ले गए और उनमें से एक उसका रेप कर रहा था, तभी स्कूल का प्रधानाचार्य मौके पर पहुंच गया, लेकिन उसने नाबालिग को बचाने की जगह खुद उसके साथ रेप किया। पुलिस ने आरोपी प्रधानाचार्य को गिरफ्तार कर लिया है और आरोपी छात्रों की तलाश की जा रही है।
शौच के लिए गई पीड़िता को आरोपियों ने पकड़ा
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि वह शाम को शौच करने के लिए अपने घर से बाहर गई थी, तभी आरोपी छात्रों ने उसका अपहरण कर लिया और उसे एक सुनसान जगह पर ले गए। पीड़िता पहले से सभी आरोपियों को जानती है।
प्रधानाचार्य ने किया था छात्रों का पीछा
इंडिया टुडे के अनुसार, पुलिस ने बताया कि प्रधानाचार्य ने छात्रों को लड़की को जबरन ले जाते हुए देख लिया था जिसके बाद उसने कुछ दूर तक उनका पीछा किया। जब एक छात्र लड़की के साथ रेप कर रहा था, तभी प्रधानाचार्य वहां पहुंच गया और उसे देखकर चारों छात्र भाग गए। नाबालिग ने बताया कि उसे लगा प्रधानाचार्य उसे बचा लेगा, लेकिन उसने भी उसका रेप किया और खून से लथपथ झाड़ियों में छोड़कर चला गया।
POCSO कानून के तहत दर्ज किया गया केस
कैमूर के पुलिस अधीक्षक (SP) राकेश कुमार ने बताया कि नाबालिग की शिकायत पर आरोपी प्रधानाचार्य और चारों छात्रों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि कि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 164 के तहत नाबालिग का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया जाएगा। पीड़िता को मेडिकल जांच और इलाज के लिए जिले के सदर अस्पताल में भर्ती किया गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने रेप के मामलों की जांच के लिए किए जाने वाले 'टू फिंगर' टेस्ट पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि रेप पीड़िता की जांच के लिए अपनाया जाने वाला यह तरीका अवैज्ञानिक है और पीड़िताओं को अपराध के बाद फिर से प्रताड़ित करता है। कोर्ट ने इस टेस्ट को पितृसत्तात्मक और अवैज्ञानिक बताते हुए इस तरह की जांच को मेडिकल की पढ़ाई से हटाने का भी आदेश दिया था।