हाथरस हादसा: दम घुटने से सबसे अधिक मौतें, महिलाओं की पसलियां टूटकर फेफड़ों में घुसी
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 123 मौत हो चुकी हैं। इनमें से 120 लोगों के पोस्टमॉर्टम 24 घंटे में किए गए। 2 शव परिवार बिना पोस्टमॉर्टम के ले गए।
दैनिक भास्कर के मुताबिक, सभी शवों के पोस्टमॉर्टम हाथरस, आगरा, अलीगढ़ और एटा में हुए। हर शहर में डॉक्टरों के पैनल ने शवों का पोस्टमॉर्टम किया है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत के कारणों से जुड़े कई खुलासे हुए हैं।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
महिलाएं गिरीं तो उठ नहीं सकीं, जिससे उनकी मौत हुई
रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों में सबसे अधिक महिलाए हैं। 123 लोगों में 113 महिलाएं, 7 बच्चे और 3 पुरुष हैं।
सत्संग सभा में बारिश के कारण हल्का कीचड़ भी था, जिससे महिलाएं और बच्चे गिरे तो उठ नहीं सके।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाएं भीड़ में दब गईं, जिससे 120 में से 74 की मौत दम घुटने की वजह से हुई है।
दम घुटने वाले शवों में अधिक उम्र की महिलाएं ज्यादा थीं।
जांच
15 की मौत सिर और गर्दन की हड्डी टूटने से हुई
डॉक्टरों ने बताया कि 15 शवों की जांच में पता चला कि उनकी मौत सिर और गर्दन की हड्डी टूटने से हुई।
कुचलने के कारण 31 महिलाओं की पसलियां टूटकर दिल और फेफड़े में घुस गईं।
डॉक्टरों ने बताया कि महिलाएं शरीर से कमजोर होने के कारण हादसे की चपेट में अधिक आई हैं।
बता दें, अलीगढ़ में 38, आगरा में 21, हाथरस में 34 और एटा में 28 शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ।
हादसा
हादसे में मारे गए 123 लोग
मंगलवार को सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग के समापन पर बाहर निकलते समय भगदड़ मच गई।
चश्मदीदों ने बताया कि सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनके चरणों की धूल लेने के लिए दौड़े, जिसे काबू करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गईं और तभी हादसा हुआ।
भगदड़ में कुचलने से लोगों की मौत हो गई। प्राथमिकी में भोले बाबा का नाम नहीं है और पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की
हाथरस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी ने उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन किया है। जांच टीम का हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज नेतृत्व करेंगे। इसमें प्रशासन और पुलिस के सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल होंगे।
जांच के दौरान सभी पहलुओं पर गौर करने को कहा गया है साथ ही ऐसे हादसे दोबारा न हो, इसके लिए सुझाव भी मांगे गए हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने विशेष जांच टीम (SIT) भी गठित की है। उन्होंने साजिश की संभावना भी जताई है।