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अमेरिका से निर्वासित की गईं हरजीत कौर ने बयां किया दर्द, कहा- हुआ अपराधियों जैसा व्यवहार
अमेरिका से निर्वासित की गईं हरजीत कौर काे गिरफ्तारी के बाद सहनी पड़ी थी पीड़ा

अमेरिका से निर्वासित की गईं हरजीत कौर ने बयां किया दर्द, कहा- हुआ अपराधियों जैसा व्यवहार

Sep 27, 2025
08:12 pm

क्या है खबर?

अमेरिका में 32 साल बिताने के बाद निर्वासित की गईं पंजाब निवासी 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला हरजीत कौर ने भारत पहुंचने के बाद वहां मिली तकलीफों का दर्द बयां किया है। मोहाली में अपनी बहन के घर रह रहीं तरनतारन जिले के पंगोटा गांव निवासी हरजीत कौर ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के बाद अमेरिकी पुलिस ने उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया। वह नहीं चाहती की कोई भी उस कष्ट से गुजरे। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।

गिरफ्तारी

उपस्थिति दर्ज कराने के दौरान किया गिरफ्तार

कौर ने NDTV से कहा, "मैं हर 6 महीने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने सैन फ्रांसिस्को स्थित आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) कार्यालय में जाती थी। मैं 8 सितंबर को तय तारीख पर हाजिरी लगाने गई थीं, लेकिन उन्होंने मुझे बिना कोई कारण बताए गिरफ्तार कर लिया।" उन्होंने कहा, "मेरे परिवार ने मुझे भारत लाने के लिए संबंधित अधिकारियों से अनुमति मांगी और हवाई टिकट भी बनवाया, लेकिन वो नहीं माने और किसी से मिलने भी नहीं दिया।"

तकलीफ

गिरफ्तारी के बाद कौर के साथ क्या हुआ?

कौर ने कहा, "गिरफ्तारी के बाद मुझे एक बेहद ठंडे कमरे में बंद कर दिया और ओढ़ने के लिए सिर्फ एल्यूमीनियम फॉइल का एक टुकड़ा थमा दिया। अगली सुबह मुझे हथकड़ियां और बेड़ियां लगाकर एरिजोना के बेक्सविड ले जाया गया, जहां 10 दिन अलग-अलग हिरासत केंद्रों में रखा गया। इस दौरान मुझे एक छोटे से फट्टे का बेड दिया गया।" उन्होंने कहा, "शाकाहारी होने के बाद भी मुझे खाने में चीज लगी ठंडी ब्रेड और गोमांस दिया जाता था।"

गुजारा

बिस्किट और चिप्स खाकर किया गुजारा

कौर ने कहा, "गोमांस के कारण मैने 10 दिन तक केवल चिप्स, दो बिस्किट और पानी पीकर गुजारा किया। हिरासत में मुझे लगा जैसे मैं कोई बड़ी अपराधी हूं। मेरे पास वर्क परमिट, पहचान पत्र और लाइसेंस सब था, लेकिन फिर भी उन्होंने निर्वासित कर दिया।" उन्होंने कहा, "अमेरिका में इतने लंबे समय तक रहने के बाद अगर आपको अचानक इस तरह गिरफ्तार कर निर्वासित किया जाता है, तो उससे ज्यादा बेहतर है कि मर जाएं।"

पृष्ठभूमि

कौर 1992 में अमेरिका पहुंची थीं

गौर साल 1992 में अपने दो छोटे बेटों के साथ अकेली मां के रूप में कैलिफोर्निया पहुंची थी। उसके बाद से वह वहीं रही और काम किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिका में शरण पाने के कई प्रयास भी किए, लेकिन 2012 में उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया। गत 8 सितंबर को उन्हें हिरासत में लिए जाने के बाद 22 सितंबर को निर्वासित कर वापस भारत भेज दिया गया। उनका अमेरिका में कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है।